तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग में फंसे 8 कर्मियों को अब तक बाहर नहीं निकाला जा सका है। हालांकि बचाव दल सुरंग के बड़े हिस्से 13.85 किमी में से 13.79 किमी को कवर करने में कामयाब रहे हैं लेकिन अंतिम भाग चुनौतीपूर्ण रहा है क्योंकि ढहने वाले स्थान पर पानी और कीचड़ का मिश्रण है। ऐसे में कैमरा लगे ड्रोन, सोनार और पोर्टेबल कैमरा रोबोट जैसे उपकरणों की मदद ली जा रही है जो तंग जगहों में उड़ान भरने में सक्षम हैं।
तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री भट्टी मल्लू विक्रमार्क ने मंगलवार को द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि राज्य सरकार तब तक हार नहीं मानेगी जब तक कि अंदर फंसे आठ लोगों को ढूंढ नहीं लिया जाता। मंगलवार को घटनास्थल का दौरा करने वाले विक्रमार्क ने कहा, “हम आठ लोगों का पता लगाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे और जब तक हम उन्हें नहीं ढूंढ लेते, हम चैन से नहीं बैठेंगे। इसके लिए हमें जो भी करना होगा और जितने दिन लगेंगे, करेंगे।”
मंत्री ने कहा कि घटनास्थल पर पहले से ही मौजूद देश भर के अनेक विशेषज्ञों के अलावा सरकार ऐसे अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के संपर्क में है, जिन्हें इस तरह की स्थिति का अनुभव है।
तेलंगाना सुरंग में फंसे मजदूरों का परिवार तीन दिन से कर रहा इंतजार
रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटीं 11 राष्ट्रीय और राज्य एजेंसियां
सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी ने मंगलवार शाम को बताया कि इस अभियान में अब 11 राष्ट्रीय और राज्य एजेंसियां लगी हुई हैं। इनमें सेना, नौसेना, मार्कोस कमांडो, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, MORPH, सिंगरेनी, HYDRAA, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, नवयुग और एलएंडटी सुरंग विशेषज्ञ और राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (NGRI) शामिल हैं।
मंत्री ने कहा, “हमने अतीत में हुई ऐसी ही घटनाओं का गहन अध्ययन किया है और महत्वपूर्ण सबक सीखे हैं, ताकि हम यह बचाव कार्य उच्चतम स्तर की विशेषज्ञता और सटीकता के साथ कर सकें।”
Telangana: बचाव अभियान में आ रही ये समस्याएं
बचाव अभियान में आ रही कठिनाइयों के बारे में रेड्डी ने कहा, “सुरंग के अंदर पानी का बढ़ता प्रवाह, गाद का जमाव और भारी मलबा बचाव दलों के लिए बड़ी बाधाएं पैदा कर रहा है। इन चुनौतियों के बावजूद, हमारे कर्मचारी असाधारण समर्पण का परिचय दे रहे हैं, बिना आराम किए लगातार काम कर रहे हैं। हम बाढ़ के पानी को निकालने के लिए उच्च क्षमता वाले पंप लगा रहे हैं लेकिन हालात बेहद कठिन बने हुए हैं।”
बचाव दल ने सुरंग के अंदर रेल पटरी को साफ करना शुरू कर दिया है, जिसका उद्देश्य आगे के बचाव कार्यों के लिए उपकरणों को ले जाना है। बचाव दल ने कम से कम दो किलोमीटर तक रेल पटरी को साफ कर दिया है और वे उस स्थान से दो किलोमीटर दूर हैं, जहां सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था। पढ़ें- तेलंगाना सुरंग में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, सिल्कयारा में फंसे श्रमिकों को बचाने वाली टीम भी पहुंची