Telangana Chief Minister A Revanth Reddy: जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद एक बड़ी चर्चा यह है कि अब इस कुर्सी पर कौन बैठेगा। ऐसे वक्त में यह वाकई बेहद दिलचस्प है कि कांग्रेस शासित एक राज्य के मुख्यमंत्री ने उपराष्ट्रपति के पद के लिए बीजेपी के सीनियर नेता के नाम की पुरजोर हिमायत की है। याद दिलाना होगा कि जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को अचानक उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका इस्तीफा मंजूर भी हो गया और विपक्ष सवाल उठा रहा है कि अचानक और हड़बड़ी में उपराष्ट्रपति ने इस्तीफा क्यों दिया?
कांग्रेस शासित राज्य तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने बंडारू दत्तात्रेय की नाम की हिमायत की है और इसके पीछे ठोस वजह भी बताई है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास मौका है कि वह दत्तात्रेय को उपराष्ट्रपति बनाकर एम. वेंकैया नायडू और बंदी संजय कुमार जैसे तेलुगू भाषी नेताओं को नजरअंदाज करने की अपनी गलती को सुधार सकती है।
‘धनखड़ का जाना अच्छा हुआ, छुटकारा मिला…’
दत्तात्रेय को बताया था अजातशत्रु
रेड्डी ने कहा कि दत्तात्रेय धनखड़ के उत्तराधिकारी के लिए एक आदर्श उम्मीदवार हैं। पिछले महीने हैदराबाद में दत्तात्रेय की आत्मकथा का विमोचन करते हुए रेड्डी ने उन्हें “अजातशत्रु” (जिसका कोई शत्रु न हो) कहा था।
दिल्ली दौरे पर आए रेड्डी ने कहा, “अगला उपराष्ट्रपति तेलंगाना से होना चाहिए क्योंकि पिछली बार ऐसी चर्चा थी कि एम. वेंकैया नायडू को राष्ट्रपति बनाया जा सकता है लेकिन उनके साथ अन्याय हुआ और उन्हें वापस भेज दिया गया। एक तेलुगु भाषा बोलने वाले व्यक्ति को वापस भेज दिया गया।” रेड्डी ने सवाल उठाया कि अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी नायडू को राष्ट्रपति पद पर क्यों नहीं प्रमोट किया गया?
ओबीसी नेताओं को खत्म करने का आरोप
रेड्डी ने कहा, “जब दत्तात्रेय केंद्रीय मंत्री थे, तब उनसे यह पद छीनकर जी. किशन रेड्डी को दे दिया गया था। बाद में, बंदी संजय कुमार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने लेकिन उनकी जगह एक ब्राह्मण एन. रामचंदर राव ने ले ली। इस तरह एनडीए ने दक्षिण, खासकर तेलंगाना के सभी ओबीसी नेताओं को खत्म कर दिया है। इसलिए उन्हें अपनी गलती सुधारनी चाहिए और दत्तात्रेय को उपराष्ट्रपति बनाना चाहिए।”
रेड्डी ने कहा कि वह कांग्रेस नेतृत्व से तेलंगाना के लोगों की ओर से दत्तात्रेय की उम्मीदवारी का समर्थन करने का अनुरोध करेंगे।
कौन हैं बंडारू दत्तात्रेय?
बंडारू दत्तात्रेय RSS से जुड़े रहे और उसके बाद वह बीजेपी में आए। उन्हें 2017 में केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था। 2019 में उन्हें हिमाचल प्रदेश और 2021 में हरियाणा का राज्यपाल बनाया गया।
धनखड़ के अचानक इस्तीफे की वजह आ गई सामने, मोदी सरकार थी नाराज?