Bihar Voter List Revision: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के द्वारा शनिवार को किए गए दावे को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया। तेजस्वी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि उनका नाम बिहार में वोटर लिस्ट के ड्राफ्ट से गायब है। बताना होगा कि चुनाव आयोग ने बीते दिन ही वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट प्रकाशित किया था।
तेजस्वी यादव ने दावा किया कि उन्होंने Special Intensive Revision (SIR) के दौरान मतगणना फॉर्म भरा था लेकिन वोटर लिस्ट का जो ड्राफ्ट प्रकाशित हुआ है उसमें उनका नाम नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि वह विधानसभा का चुनाव कैसे लड़ेंगे?
तेजस्वी ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग के पोर्टल पर ECIP (Electors Photo Identity Card) No. RAB2916120 डालकर सर्च किया तो No Records Found लिखा हुआ आया।
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तेजस्वी के आरोपों पर आयोग ने दिया जवाब
तेजस्वी यादव ने कहा कि चुनाव आयोग ने SIR में पारदर्शिता को बनाए रखने को लेकर जो भी आश्वासन दिए थे, वह उन सभी से मुकर गया। इसके तुरंत बाद चुनाव आयोग ने उनके दावे का फैक्ट चेक किया और बताया कि तेजस्वी गलत बोल रहे हैं।
आयोग ने कहा कि तेजस्वी नाम वोटर लिस्ट के ड्राफ्ट में शामिल है और इसमें तेजस्वी की फोटो के साथ उनका नाम, उम्र, पिता का नाम और मकान संख्या दर्ज है। चुनाव आयोग ने कहा कि तेजस्वी का यह दावा कि उनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल नहीं है, झूठा और तथ्यात्मक रूप से गलत है।
SIR को लेकर लगातार हो रहा हंगामा
बिहार में पिछले महीने से ही अच्छा-खासा हंगामा मचा हुआ है क्योंकि चुनाव आयोग ने कहा था कि बिहार में वोटर लिस्ट की SIR एक्सरसाइज की जाएगी। विपक्ष के तमाम नेताओं का कहना है कि यह पूरी तरह पिछड़े, दलित और कमजोर लोगों के वोट काटने की साजिश है।
इस मुद्दे को लेकर बिहार की विधानसभा से लेकर संसद के मानसून सत्र में भी अच्छा हंगामा हुई और विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से इस एक्सरसाइज को रद्द करने की मांग की लेकिन चुनाव आयोग ने उन्हें जवाब दिया कि यह एक्सरसाइज बिहार से शुरू हुई है और देश के हर राज्य में होगी। बिहार में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा के चुनाव होने हैं।
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क्या कहा था आयोग ने?
चुनाव आयोग ने कहा था कि मतगणना फार्म के साथ ही 2003 के बाद वोटर लिस्ट में जोड़े गए मतदाताओं को उसके द्वारा जारी किए गए 11 डॉक्यूमेंट्स में से कोई एक देना होगा जो उनकी नागरिकता को साबित करता हो।
चुनाव के बहिष्कार का दिया था बयान
इस मामले में बीते दिनों अच्छा-खासा विवाद तब खड़ा हो गया था जब तेजस्वी यादव ने ऐलान किया था कि उनकी पार्टी चुनाव का बहिष्कार भी कर सकती है।
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