तेलुगूदेशम पार्टी के सांसद नरमल्ली ​शिवप्रसाद फिर से सुर्खियों में हैं। गुरुवार (9 अगस्‍त) को वह जर्मनी के तानाशाह अडाेल्‍फ हिटलर का भेष धारण करके संसद में आए थे। अभिनेता से राजनेता बने नरमल्ली शिवप्रसाद को भेष बदलकर विरोध करने के लिए जाना जाता है। इस बार उन्होंने अपनी मूंछों को हिटलर की तरह रखा हुआ था। इसके साथ ही उन्होंने भूरे रंग की शर्ट पहनकर कैमरों के सामने नाजी अंदाज में सैल्यूट भी किया।

रिपोर्टरों से हिटलर के अंदाज में बात करते हुए सांसद नरमल्ली शिवप्रसाद ने कहा,”मैंने अपना जीवन जर्मन सेना के सिपाही के तौर पर शुरू किया था और खूब इज्जत कमाई लेकिन मैं सत्ता का लालची था और परिणामस्वरूप, मेरी वजह से द्वितीय विश्व युद्ध तक हुआ। इस युद्ध के कारण करोड़ों लोगों की जान चली गई और बाद में मैंने खुद को भी मार लिया।” हिटलर बने सांसद नरमल्ली शिवप्रसाद यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा,”मोदी को उस रास्ते पर आगे नहीं बढ़ना चाहिए। वह पहले ही आंध्र प्रदेश और मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू को धोखा दे चुके हैं। अगर अभी भी उन्हें अपनी गलती का पछतावा नहीं हुआ तो वह जल्दी ही अपना पतन होते हुए देखेंगे।”

ये पहली बार नहीं है जब तेलुगूदेशम पार्टी के सांसद को पहली बार मीडिया का ध्यान आकर्षित करते हुए देखा गया हो। वह कई बार अनोखे और कई बार विचित्र किस्म का पहनावा पहनकर संसद आते रहे हैं। साल 2013—14 में उन्हें पहली बार मीडिया ने नोटिस किया था। जब उन्हें संसद भवन के बाहर खुद को कोड़े मारते हुए देखा गया था। ये विचित्र प्रदर्शन उन्होंने आंध्र प्रदेश के ​बंटवारे का विरोध करने के लिए किया था। तभी से वह विभिन्न भेष धरकर संसद आते रहे हैं। सांसद अब तक भगवान कृष्ण से लेकर महात्मा गांधी और तांत्रिक से लेकर आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी के संस्थापक एनटी रामाराव तक का भेष धारण कर चुके हैं।

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नरमल्ली शिवप्रसाद आंध्र प्रदेश की चित्तूर सीट से सांसद हैं। वह साल 1995 में तेलुगूदेशम पार्टी में शामिल हुए थे। उन्हें साल 1999 में राज्य का सूचना और संस्कृति मंत्री बनाया गया था। उन्हें लगातार दो बार साल 2009 और 2014 में चित्तूर सीट से सांसद बनने का मौका मिला। शिवप्रसाद दो तेलुगू फिल्मों में भी काम किया है। एक में वह अभिनेता थे तो दूसरे में खलनायक।

हाल के महीनों तक गठबंधन में रही भाजपा और तेलुगूदेशम पार्टी आज एक—दूसरे की विरोधी हैं। तेलुगूदेशम गठबंधन तोड़कर अलग हो चुकी है। तेलुगूदेशम ने आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग की थी, जिसे एनडीए सरकार ने ठुकरा दिया था। कुछ हफ्ते पहले ही, टीडीपी के वरिष्ठ नेताओं और भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिंह राव के बीच नई दिल्ली के रेल भवन में कैमरे के सामने जमकर विवाद हुआ था। टीडीपी के नेता आंध्र प्रदेश के लिए अलग रेलवे जोन की मांग कर रहे थे, जिसका मुख्यालय विशाखापट्टनम में हो।