Tuberculosis TB Disease: मोदी सरकार ने निक्षय मित्र अभियान के जरिए 2025 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा है। इस अभियान के अंतर्गत मोदी सरकार ने टीबी मरीजों को गोद लेने को बढ़ावा दिया है। इसके तहत ब्लॉक, जिलों या एक व्यक्तिगत मरीज को गोद लेकर उसका संरक्षण कर सकते हैं। इसमें टीबी मरीजों को पोषण और उपचार में सहायता मिलेगी।
इस अभियान में गोद लिए गए मरीजों के पोषण, निदान के लिए सहायता देने के साथ उनके परिवार के सदस्यों के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। सरकार का कहना है कि इस अभियान में गोद लेने के लिए लगभग 9.57 लाख रोगियों की स्वीकृति मिल चुकी है। टीबी मरीज को गोद लेने वाले लोगों और संस्थाओं को निक्षय मित्र के नाम से जाना जाएगा।
बता दें कि भारत में हर साल 20-25 लाख टीबी के मामले सामने आते हैं और लगभग 4 लाख लोगों की इस बीमारी से जान चली जाती है। मौजूदा समय में 13.5 लाख टीबी के मरीजों का इलाज चल रहा है जिनमें से 9 लाख से अधिक मरीजों ने निक्षय मित्र अभियान के तहत खुद को गोद लेने के लिए सहमति दी है।
इस अभियान के तहत एक टीबी मरीज को अतिरिक्त सहायता प्रदान करने की प्रतिबद्धता की न्यूनतम अवधि एक साल होगी। हालांकि इसे दो या तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है। टीबी रोगियों की सहायता के लिए तीन किलो चावल, 250 ग्राम वनस्पति तेल और एक किलोग्राम दूध पाउडर या छह लीटर दूध या फिर उसकी जगह एक किलोग्राम मूंगफली युक्त मासिक भोजन के साथ डेढ़ किलोग्राम दाल की सिफारिश की गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर कई केंद्रीय मंत्रियों ने इस अभियान में शामिल होने के लिए लोगों से आग्रह किया। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, “पीएम मोदी जी के जन्मदिन के अवसर पर आज मैं अपने क्षेत्र के पांच ऐसे पेशेंट जो टीबी से ग्रसित हैं उनको गोद लेने का संकल्प लेता हूं और वो टीबी की बीमारी से मुक्त हों इसके लिए मैं प्रयत्न करूंगा। मेरा आपसे भी अनुरोध है कि आप भी इस पुनीत कार्य में सहयोग करें।”
वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी ट्विटर से टीबी रोगियों को गोद लेने का आग्रह किया। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, “आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर मैंने अपने जन्मस्थान पलिताना से 40 टीबी रोगियों को गोद लिया है। आइए हम सब मोदी जी की मानवता के इस सेवा कार्य में शामिल हों और जनभागीदारी से टीबी मुक्त भारत का निर्माण करें। आप सभी को भी टीबी मरीजों को अपनाना चाहिए।”