बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में वायुसेना के एमआई-17 हेलिकॉप्टर हादसे में सीडीएस बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में एक मात्र बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की स्थिति काफी गंभीर है। पहले उनका इलाज वेलिंगटन के अस्पताल में चल रहा था लेकिन उन्हें अब बेंगलुरु स्थित कमांड हॉस्पिटल शिफ्ट किया गया है। उनकी जांच बचाने के लिए सभी जरूरी कोशिश की जा रही है। इसी बीच अपने स्कूल के प्रधानाचार्य को लिखा गया उनका एक पत्र सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। वरुण सिंह का यह पत्र पढ़ने लायक है जिसमें उन्होंने लिखा है कि नंबर किसी की तक़दीर तय नहीं करता है।   

हरियाणा के चंडीमंदिर स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य को लिखे पत्र में छात्रों को संबोधित करते हुए ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने लिखा कि औसत दर्जे का होना ठीक है। हर कोई स्कूल में उत्कृष्ट नहीं हो सकता और हर कोई 90 प्रतिशत से ज्यादा स्कोर भी नहीं कर सकता। हालांकि यदि आप करते हैं तो यह एक अद्भुत उपलब्धि है और इसकी सराहना भी की जानी चाहिए। लेकिन यदि आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो यह नहीं सोचना चाहिए कि आप औसत दर्जे के हैं। 

आगे उन्होंने लिखा कि आप स्कूल में औसत दर्जे के हो सकते हैं लेकिन यह किसी भी तरह से जीवन में आगे आने वाली चीजों का पैमाना नहीं है। आप यह खोजने की कोशिश करें कि आप किसमें अच्छे हैं, यह कला, संगीत, ग्राफिक डिजाइन, साहित्य जैसा कुछ भी हो सकता है। आप जो भी काम करते हैं, उसके प्रति समर्पित रहें और अपना सर्वश्रेष्ठ दें। कभी भी यह सोचकर सोने मत जाएं कि मैं अमुक चीजों में थोड़ा और प्रयास कर सकता था।

ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने अपने पत्र में यह भी लिखा कि कभी भी उम्मीद न खोएं, यह कभी न सोचें कि आप जो बनना चाहते हैं उसमें आप अच्छे नहीं हो सकते। यह आसान नहीं होगा और इसके लिए प्रयास करना होगा। इसके लिए समय और आराम का बलिदान देना होगा। मैं औसत दर्जे का था लेकिन आज मैं अपने करियर में कठिन मील के पत्थर तक पहुंच गया हूं। ऐसा मत सोचो कि 12वीं बोर्ड के अंक तय करते हैं कि आप जीवन में क्या हासिल करने में सक्षम हैं। अपने आप पर विश्वास करो और इसके लिए काम करो।

बता दें कि तमिलनाडु हेलिकॉप्टर हादसे में घायल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को इसी साल अगस्त महीने में भारत का तीसरा सर्वोच्च वीरता सम्मान दिया गया था। वरुण सिंह को करीब 10000 फीट की ऊंचाई पर हुए इमरजेंसी से निपटने के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। दरअसल 12 अक्टूबर 2020 को तेजस के कंट्रोल सिस्टम में गड़बड़ी आ गई थी। लेकिन तेजस के कैप्टन वरुण सिंह ने इस स्थिति में भी संयम बनाए रखा और अपने असाधारण फ्लाइंग कौशल से विमान की सुरक्षित लैंडिंग कराई।