मुंबई और नई दिल्ली के बीच टेल्गो ट्रेन का अंतिम ट्रायल शनिवार(10 सितम्बर) को होगा। अंतिम ट्रायल में टेल्गो ट्रेन को 150 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार पर दौड़ाया जाएगा। नई दिल्ली से यह ट्रेन दोपहर 2.45 बजे रवाना होगी और इसके रात 2.29 बजे पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। रेलवे इस ट्रेन के जरिए दिल्ली-मुंबई की दूरी को 12 घंटे में तय करने का लक्ष्य रख रहा है। नौ डिब्बों वाली यह ट्रेन गुरुवार को तीसरे ट्रायल में 18 मिनट लेट हो गई थी। इस ट्रायल के दौरान ट्रेन को रात 2.57 बजे पहुंचना था लेकिन यह 3.15 मिनट पर पहुंची। इसमें इसकी रफ्तार 140 किमी/घंटा रखी गई थी। दिल्ली और मुंबर्इ के बीच की दूरी 1384 किलोमीटर है। वर्तमान में इस सफर में ट्रेन से 16-17 घंटे लगते हैं। राजधानी एक्सप्रेस से इस सफर में 16 घंटे के करीब लगते हैं जबकि बाकी ट्रेनों में इससे ज्यादा का समय लगता है। टेल्गो ट्रेन का पहला ट्रायल बरेली-मुरादाबाद के बीच किया गया था। दूसरा ट्रायल मथुरा-पलवल के बीच हुआ था। इस रूट पर ट्रेन ने अधिकतम 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार को छुआ था।
टेल्गो ट्रेन में दो एग्जीक्यूटिवव क्लास कोच, चार चेयर कार, एक कैफेटेरिया, एक पावर कार और एक स्टाफ व सामान का कोच होता है। ट्रायल के दौरान रेलवे के साथ ही टेल्गो के तकनीकी कर्मचारी भी ट्रेन में सफर करते हैं। इस ट्रेन को हालांकि भारतीय रेलवे का इंजन ही खींचता है। टेल्गो ट्रेन के एग्जीक्यूटिव कोच में 20 सीटें हैं। लगेज रखने के लिए भी इनमें काफी स्पेस है। इसके अलावा टीवी सेट्स लगे हुए हैं जिनपर ट्रेन की स्पीड और लोकेशन की जानकारी डिस्प्ले होती रहती है। जनरल कोच की बात करें तो इसमें 36 लोगों के लिए सीटें लगी हैं। हालांकि, ये एग्जीक्यूटिव कोच की तरह प्रीमियम नहीं हैं लेकिन ये अपेक्षाकृत बेहद आरामदायक और स्पेस वाली सीटें हैं।
Talgo Train: तीन कामयाब ट्रायल के बाद भारतीय रेलवे को पता चला-फिलहाल इसे चलाना मुमकिन नहीं
टेल्गो के डिब्बे काफी हल्के होते हैं जिसकी वजह से ट्रेन की रफ्तार में वृद्धि होती है। ट्रायल के नतीजों के आधार रेलवे इस ट्रेन को भारत में चलाने पर फैसला करेगा। स्पेनिश कंपनी ने अपनी ट्रेन को फ्री में भारत में चलाने का प्रस्ताव दिया है।
भारत पहुंची प्लेन जैसी सीटों वाली टेल्गो ट्रेन, 29 मई को बरेली-मुरादाबाद रूट पर होगा पहला ट्रायल

