हम सभी बचपन से यह सुनते आए हैं कि पुस्तकें मनुष्य की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं। पुस्तकें पढ़ना न केवल अच्छी आदत है बल्कि इसके जरिए हम अपनी रचनात्मक सोच को एक नई दिशा प्रदान कर सकते हैं। नए विचारों के लिए भी किताबें पढ़ना सबसे बेहतर तरीका माना जाता है। किताबों को पढ़ने के इतने सारे फायदों के बाद भी हम नियमित रूप से पढ़ने का समय नहीं निकाल पाते हैं। अगर आप भी इस समस्या से दो-चार हैं तो आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं जिनका उपयोग कर आप नियमित रूप से पुस्तकों को पढ़ने की आदत बना पाएंगे।

हर रोज 15 मिनट पढ़ें : जब भी हम किसी किताब को पढ़ने के बारे में सोचते हैं तो सबसे पहले हमारे दिमाग में यही विचार आता है कि पुस्तक पढ़ने के लिए तो कम से कम एक से दो घंटे चाहिए जो हमारी व्यस्त दिनचर्या में उपलब्ध नहीं हैं। सबसे पहले तो आप यह बात दिमाग से निकाल दीजिए कि पुस्तक को पढ़ने के लिए घंटों की आवश्यकता होती है। आप दिन में 15 मिनट से शुरुआत कीजिए। यह कोई भी समय हो सकता है। जैसे सुबह उठने के बाद, सोने से पहले, दोपहर के खाने के समय या फिर यात्रा के दौरान। लेकिन यह 15 मिनट नियमित होने चाहिए।

मनपसंद किताबें पढ़ें : हम मुख्यत: दो प्रकार की किताबें पढ़ते हैं। पहली अपनी पसंद की और दूसरी अपनी जरूरत की। पढ़ने की शुरुआत अपनी पसंद की पुस्तकों से करें। अगर आप अपनी जरूरत की पुस्तकों को प्राथमिकता देंगे तो हो सकता है कि आप बहुत जल्दी किताब पढ़ने की आदत से ऊब जाएं।

पुस्तक रखिए साथ : पढ़ने की आदत विकसित करने से पहले अपनी पसंद की पुस्तक अपने बैग में रखने की आदत डालिए। इससे आपको हमेशा उसे पढ़ने का ध्यान रहेगा और समय मिलते ही आप उस किताब के एक दो पेज पढ़ सकते हैं। पुस्तक पढ़ने वाले अधिकतर लोगों के पास आपको कोई न कोई किताब अवश्य मिल जाएगी।

किताबें पढ़ने वाले लोगों से दोस्ती करें : अपने मित्रों की सूची में कुछ ऐसे लोगों को शामिल करें जिन्हें किताबें पढ़ने की आदत है। इन मित्रों से मिलते रहें और पढ़ने की आदत के बारे में उनके अनुभव से सीखें। इसके अलावा आप किसी पुस्तकालय के सदस्य भी बन सकते हैं।

तकनीक का उपयोग : अगर आप भौतिक पुस्तकें लाने ले जाने में समस्या महसूस करते हैं तो आप ‘टैब’ खरीद सकते हैं और उस पर ई-किताबें पढ़ सकते हैं। कोशिश करें कि आडियो किताबें न सुनें, इससे किताब पढ़ने की आदत छूट जाती है।

प्रस्तुति : सुशील राघव