आतंकी संगठन इस्‍लामिक स्‍टेट से लड़ने के लिए सीरिया पहुंचे चार भारतीयों को वहां गिरफ्तार किया गया है। सीरिया के उप प्रधानमंत्री वालिद अल मौलेम ने बुधवार को यह जानकारी दी। वालिद सीरिया के विदेश मंत्री भी हैं। उन्‍होंने बताया कि भारतीय जॉर्डन के जरिए दाखिल हुए थे, लेकिन उन्‍हें आतंकी संगठन में भर्ती होने से पहले ही पकड़ लिया गया।

वालिद ने कहा, ”हमने चार भारतीयों को गिरफ्तार किया है जो आईएसआईएस के लिए लड़ने सीरिया आए थे। वे फिलहाल दमिश्‍क के जेल में हैं। हमने भारतीय अधिकारियों से कहा है कि आकर उन्‍हें ले जाएं।” बता दें कि आईएसआईएस के लिए लड़ने वाले भारतीयों की ज्ञात संख्‍या 23 है। इनमें से छह की मौत हो चुकी है। नई गिरफ्तारियों को जोड़कर इन भारतीयों की संख्‍या 27 पहुंच जाती है।

सीरिया के विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि उनका देश फिलहाल आईएसआईएस द्वारा अगवा किए गए 39 भारतीयों के मामलों में मदद करने की स्‍थ‍िति में नही है। उन्‍होंने कहा, ”वे आईएस के कब्‍जे में हैं। मुझे माफ कीजिए। हम कुछ नहीं कर सकते। आपको एर्डोगन (तुर्की के पीएम) से मदद मांगनी होगी।” विदेश मंत्री ने आरोप लगाया कि तुर्की, सीरिया और कतर उनके देश में आईएसआईएस से जुड़ी समस्‍या को बढ़ा रहे हैं। उन्‍होंने यह भी आरोप लगाया कि ये देश सीरिया में आतंकी संगठनों को बढ़ावा दे रहे हैं। वालिद ने आईएसआईएस के खिलाफ अभियान चलाने के लिए रूस की मदद भी की। उनके मुताबिक, सिर्फ रूस की मदद की वजह से आईएसआईएस के कब्‍जे से 20 से ज्‍यादा इलाकों को मुक्‍त कराया जा सका।

सीरिया को भारत से उम्‍मीद
भारत दौरे पर आए वालिद ने कहा कि उनकी और भारतीय विदेश सुषमा स्‍वराज और एनएसए अजीत डोभाल के बीच हुई बातचीत फलदायक साबित हुई। उनकी बातचीत में सीरिया का मुद्दा भी उठा। वालिद के मुताबिक, सीरिया चाहता है कि भारत उनकी समस्‍या का हल निकालने में शामिल हो, लेकिन वे भारत की ओर से सैन्‍य या कूटनीतिक दखल नहीं चाहते। वे चाहते हैं कि भारत उनके देश के पुर्ननिर्माण में मदद करे और इस वक्‍त ऐसा खाने पीने की चीजों और दवाओं की मदद के जरिए किया जा सकता है।