Hyderabad: हैदराबाद में एक महिला ने दावा किया कि स्विगी जिनी (Swiggy Genie) डिलीवरी पार्टनर ने उसका लैपटॉप चोरी कर लिया है। इसके बाद लैपटॉप को वापस करने के लिए 15 हजार रुपये भी मांग रहा है। सिविल इंजीनियर निशिता गुडीपुडी ने लिंक्डइन पर इस बारे में जानकारी शेयर की है। उन्होंने बताया कि उनके पति ने कुछ दिन पहले स्विगी जिनी को बुक किया था, ताकि शहर के माधापुर इलाके में एक ऑफिस से उनका बैग लेकर दूसरे ऑफिस में पहुंचा दिया जाए। स्विगी ने कहा कि डिलीवरी एजेंट को प्लेटफॉर्म से हटा दिया गया है।

इंजीनियर ने कहा कि डिलीवरी पार्टनर ने लैपटॉप के साथ बैकपैक को उठाया और इसके कुछ देर बाद ही अपना फोन बंद कर दिया। गुडीपुडी ने आगे कहा कि उसने हमारे लैपटॉप को चुरा लिया था और शुरुआत में हमने सोचा कि ठीक है, लैपटॉप देने के लिए जिनी का इस्तेमाल करना हमारी की गलती थी, लेकिन बाद में चीजें काफी बदल गई और उससे हम डर गए।

जब उनके पति ने कस्टर केयर से संपर्क किया तो बुकिंग पर आए डिलीवरी एजेंट को नहीं पहचान पाए और उन्हें दो फोटो भेजकर पूछना पड़ा कि पार्सल लेने कौन आया था। सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि जब दंपत्ति ने व्हाट्सएप के जरिए एजेंट से संपर्क किया, तो उसने दावा किया कि उसके दोस्त ने उसका लॉगिन इस्तेमाल किया है। इस बातचीत के तुरंत बाद उन्हें उसी नंबर से एक मैसेज मिला जिसमें रैपिडो के जरिये लैपटॉप डिलीवर करने के लिए 15,000 की मांग की गई थी।

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महिला ने स्विगी टीम से की एक्शन की मांग

महिला इंजीनियर ने कहा कि इस स्थिति पर खेद है। स्विगी टीम को एक्शन लेना चाहिए। वरना लोगों का भरोसा कंपनी से कम होता चला जाएगा। सिविल इंजीनियर ने कहा कि ये भयानक और बिल्कुल अस्वीकार्य करने बाली बात है। जोमैटो, स्विगी, ओला, उबर जैसी बिचौलियों वाली कंपनियों को यह समझने की जरूरत है कि सिक्योरिटी पर ध्यान देना उनके लिए बेहद जरूरी है।

स्विगी ने एजेंट को हटाया

गुडीपुडी ने अपने पति और पैसे मांगने वाले शख्स के बीच व्हाट्सएप पर हुई बातचीत के स्क्रीनशॉट भी शेयर किए। स्विगी के एक सदस्य ने कहा कि हमारे उपभोक्ताओं की सुरक्षा और भरोसा बनाए रखना हमारी पहली प्राथमिकता है। यह घटना हमारे नियमों का उल्लघंन करती है और इसमें शामिल डिलीवरी एक्जीक्यूटिव को हमारे प्लेटफॉर्म से हटा दिया गया है। हम कस्ट्यूमर के संपर्क में हैं और इस मुद्दे को जल्दी हल करने के लिए मामले की जांच कर रहे अधिकारियों की मदद कर रहे हैं।