बांग्लादेश में हिन्दू नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी पर पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को बंगलादेशी नागरिकों को वीजा जारी करना तुरंत बंद कर देना चाहिए। सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि ऐसा तब तक हो जब तक कि पड़ोसी देश की कार्यवाहक सरकार प्रमुख हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को रिहा नहीं कर देती। बीजेपी नेताओं ने दास की तत्काल रिहाई की मांग को लेकर पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश उप उच्चायोग से भी मुलाकात की है।

मीडिया से बात करते हुए सुवेंदु अधिकारी ने यह भी मांग की कि दोनों देशों के बीच आयात और निर्यात को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया जाए जब तक कि वहां अल्पसंख्यकों पर अत्याचार रोकने के लिए कदम नहीं उठाए जाते।

क्या बोले सुवेंदु अधिकारी?

हिन्दू नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की तत्काल रिहाई की मांग को लेकर बांग्लादेश उप उच्चायोग में एक प्रतिनिधिमंडल सौंपने के बाद मीडिया से बात करते हुए अधिकारी ने मांग की कि दोनों देशों के बीच आयात और निर्यात को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया जाए जब तक कि वहां अल्पसंख्यकों पर अत्याचार रोकने के लिए कदम नहीं उठाए जाते।

हिन्दू नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी ने कहा, “आप जानते हैं कि वहां (बांग्लादेश में) हिंदुओं पर किस तरह अत्याचार किया जाता है। इस तरह का अत्याचार जारी नहीं किया जा सकता। प्रभु चिन्मय कृष्ण दास ने कुछ भी गलत नहीं किया है। हम उनकी तत्काल रिहाई चाहते हैं। उन पर झूठे मामले लगाए गए हैं। इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती। बहुत हो गया।”

बांग्लादेश सम्मिलिता सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता दास को सोमवार को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह एक रैली में शामिल होने के लिए चटगांव जाने वाले थे। मंगलवार को चटगांव की एक अदालत ने राजद्रोह के मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया और जेल भेज दिया।

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पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता ने सात भाजपा विधायकों, जिनमें से अधिकतर राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों से हैं, के साथ कोलकाता के रवींद्र सदन क्षेत्र से आयोग कार्यालय तक एक रैली निकाली और इस संबंध में एक प्रतिनिधिमंडल सौंपा।

अधिकारी ने कहा, “बांग्लादेशियों को वीजा जारी करना पूरी तरह से बंद कर दें। साथ ही, निर्यात और आयात के लिए परमिट जारी करना भी बंद कर दें। हम एक दिन इंतजार करेंगे और अगर कथित यातना की घटनाएं नहीं रुकीं तो उत्तर 24 परगना जिले के पेट्रापोल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर नाकाबंदी शुरू करेंगे।”