भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अबु धाबी में आयोजित हुई ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉ-ऑपरेशन (OIC) में हिस्सा लिया और अपने संबोधन में आतंकवाद पर करारा प्रहार किया। बता दें कि OIC की बैठक में भारत को गेस्ट ऑफ ऑनर का दर्जा दिया गया है, जबकि भारत इस संगठन का सदस्य भी नहीं है। OIC में अपने संबोधन की शुरुआत में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि वह यहां वर्षों तक ज्ञान का केन्द्र रही धरती, विश्वास और परंपराओं की धरती और दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शुमार देश की प्रतिनिधि के तौर पर यहां मौजूद हैं। भारत की परंपरा और विश्वास का जिक्र करते हुए यहां बड़ी संख्या में रह रहे मुस्लिम लोगों का जिक्र किया।

सुषमा स्वराज ने अबु धाबी समेत अरब देशों के साथ भारत के अच्छे संबंधों का जिक्र किया। आतंकवाद पर करारा प्रहार करते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी धर्म के खिलाफ नहीं है। इस्लाम का मतलब शांति है और इसी तरह दुनियाभर के धर्म भी शांति, भाईचारे और सहभागिता की बात करते हैं। यह सभ्यता और संस्कृति की लड़ाई नहीं है, बल्कि यह विचारों और विचारधारा की लड़ाई है। भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि वह महात्मा गांधी की धरती से ताल्लुक रखती हैं, जहां हर प्रार्थना के बाद शांति शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। इसके बाद सुषमा स्वराज ने बैठक में मौजूद देशों को स्थायित्व, शांति, सद्भाव, आर्थिक तरक्की की शुभकामनाएं दी।

वहीं भारत को OIC की बैठक में गेस्ट ऑफ ऑनर बनाए जाने के विरोध में पड़ोसी देश पाकिस्तान ने इस बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शुक्रवार को बताया कि ‘वह विदेश मंत्रियों की काउंसिल में शामिल नहीं होंगे और यह फैसला भारत को गेस्ट ऑफ ऑनर बनाए जाने के विरोध में लिया गया है।’ सुषमा स्वराज OIC की बैठक में शामिल होने के लिए बीती रात को अबु धाबी रवाना हुईं थी। OIC काउंसिल में 57 इस्लामिक देश सदस्य हैं। इससे पहले पाकिस्तान के विरोध के चलते अभी तक OIC की बैठक में भारत को शामिल नहीं किया गया था।