विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अगले हफ्ते पाकिस्तान की यात्रा कर सकती हैं। उनकी इस पहल से भारत-पाक संबंधों में गतिरोध टूट सकता है। पाकिस्तान आठ दिसम्बर को अफगानिस्तान पर क्षेत्रीय सहयोग को लेकर 14 देशों के मंत्री स्तरीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। सुषमा स्वराज को आमंत्रित किया गया है लेकिन नयी दिल्ली ने अभी तक संकेत नहीं दिए हैं कि वह उसमें भाग लेंगी या नहीं। बहरहाल सूत्रों ने बुधवार रात यहां कहा कि भारतीय मंत्री के दौरे की ‘‘काफी’’ संभावना है लेकिन अंतिम निर्णय की घोषणा शुक्रवार को हो सकती है।
कैबिनेट की बैठक के बाद सुषमा स्वराज ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ अलग से करीब 20 मिनट तक विचार…विमर्श किया। संवाददाताओं ने सुषमा से जब पूछा कि मोदी से क्या बात हुई तो उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री प्रधानमंत्री के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हैं। यह पूछने पर कि क्या अगले हफ्ते वह पाकिस्तान की यात्रा पर जा रही हैं तो उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक इसे अंतिम रूप नहीं दिया गया है।’’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि सम्मेलन के लिए भले ही पाकिस्तान के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया गया है लेकिन किस तरह भागीदारी होगी इस बारे में अभी तक निर्णय नहीं किया गया है। सुषमा स्वराज की संभावित यात्रा से संकेत मिलता है कि अगस्त में आरोप-प्रत्यारोप के बीच दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की बैठक के रद्द होने के बाद भारत-पाक संबंधों में पैदा हुआ गतिरोध खत्म हो सकता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पेरिस में पिछले सोमवार को जलवायु बैठक के इतर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से गर्मजोशी से भेंट की जिसके बाद शरीफ ने पाकिस्तानी मीडिया को बताया कि वार्ता ‘‘अच्छे माहौल में अच्छे तरीके से’’ हुई।
अमेरिका ने भी पेरिस में मोदी और शरीफ की संक्षिप्त मुलाकात का स्वागत किया।