Sushma Swaraj News: भारत की पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज विदेश में फंसे लोगों के लिए किसी देवदूत से कम नहीं थीं। उन्होंने महज एक ट्वीट मिलने के बाद कई लोगों को मुसीबत से निकाला था और स्वदेश लेकर आई थीं। उन्होंने कई ऐसे मामलों में भी लोगों की मदद की, जहां से उनका निकलना नामुमकिन था। उनके करियर का सबसे बड़ा ऑपरेशन यमन में फंसे करीब 7 हजार लोगों को निकालना था। इनमें करीब 5 हजार भारतीय थे तो बाकी 2 हजार लोग 48 देशों से ताल्लुक रखते थे। सुषमा ने दूसरे देशों के लोगों को भी मुसीबत से निकाल लिया था।
ट्विटर से की 80 हजार लोगों की मदद: बता दें कि टि्वटर पर 1.31 करोड़ लोग सुषमा स्वराज को फॉलो करते हैं। वह दुनिया की सबसे चर्चित महिला नेता थीं। दावा किया जाता है कि उन्होंने ट्विटर के जरिए देश-दुनिया में 80 हजार लोगों की मदद की। विदेशों में बसे भारतीय किसी भी मुश्किल के वक्त सुषमा स्वराज को याद करते थे। वहीं, जून 2017 में सुषमा ने ट्वीट किया था, ‘‘अगर आप मंगल ग्रह पर भी फंस गए हैं तो वहां भारतीय दूतावास आपकी मदद करेगा।’’
सबसे बड़ा अभियान: यमन में युद्ध संकट के दौरान फंसे लोगों को निकालना सुषमा स्वराज के जीवन का सबसे बड़ा अभियान था। उस वक्त 4,741 भारतीय नागरिक और 48 देशों के 1,947 लोग रेस्क्यू कराए गए थे। इस अभियान का नाम राहत रखा गया था। इसी तरह के ऑपरेशन लीबिया और इराक में भी चलाए गए थे।
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यमन की महिला के ट्वीट पर भी एक्टिव हो गई थीं सुषमा: यमन संकट के दौरान सुषमा स्वराज को यमन की ही एक महिला का ट्वीट मिला था। सुषमा ने आगे बढ़कर उसकी मदद की थी। यह महिला अपने 8 महीने के बच्चे के साथ फंसी हुई थी।
ह्यूमन ट्रैफिकिंग से युवती को बचाया: सुषमा स्वराज से एक ऐसे शख्स ने मदद की गुहार लगाई थी, जिसकी बहन यूएई में ह्यूमन ट्रैफिकिंग का शिकार बन गई थी। सुषमा ने न सिर्फ उसकी मदद की थी, बल्कि युवती को भी बचाया था। वहीं, उन्होंने जर्मनी से उस लड़की को भी बाहर निकाला था, जिसके पास पासपोर्ट व पैसे नहीं थे।
जब पाकिस्तानी लड़की की मदद की: सुषमा स्वराज को उस वक्त देवदूत कहा गया था, जब उन्होंने सीमा पार की दुश्मनी को नजरअंदाज करते हुए पाकिस्तानी लड़की की मदद की थी। 5 साल की इस बच्ची को लिवर ट्रांसप्लांट के लिए भारत आना था। सुषमा ने उसके लिए वीजा आदि का इंतजाम किया था।
