मधेसी आंदोलन से संबंधों में जमी बर्फ के पिघलने के बीच भारत ने आज कहा कि वह नेपाल का ‘बड़ा भाई’ है न कि ‘दादा’ (बिग ब्रदर)।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत हमेशा ही अपने पड़ोसियों की मदद करेगा और कभी भी परेशानियों का स्रोत नहीं बनेगा। सुषमा ने अपनी बात रखने के लिए दोनों देशों के बरसों पुराने संबंधों पर जोर दिया और नये संविधान को लागू करने के लिए कई बार नेपाली राजीतिक नेतृत्व और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सराहना की।
उन्होंने कहा कि भूकंप बाद की मुश्किल परिस्थतियों में अपनी परिपक्वता दिखाने के लिए मैं नेपाल के राजनीतिक नेतृत्व को बधाई देती हूं यह वक्त संविधान बनाने का था और राजनीतिक नेतृत्व एकजुट हुआ और ऐसा किया। उन्होंने कहा कि लेकिन कुछ मुद्दे सामने आए। मधेसियों ने सोचा कि उन्हें उम्मीद से कम राजनीतिक प्रतिनिधित्व हासिल होगा। लेकिन मैं नेपाली राजनीतिक नेतृत्व के प्रति अपने आभार को दोहराना चाहती हूं जो मधेसियों की मांग पर उचित विचार कर रहे हैं क्योंकि उन्होेंने सुशील कोइराला के तहत दो संशोधन पारित किए हैं। सुषमा ने कहा कि ओली सरकार ने उन संशोधनों को बेहतर किया और उन्हें पारित किया। अन्यथा संविधान के लागू होने के शीघ्र बाद संशोधन नहीं किए जाते।
स्वराज ने कहा कि ऐसे कुछ लोग हैं जो दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध नहीं चाहते हैं, वे कहते हैं कि भारत नेपाल से ‘दादा’ का बर्ताव करता है। लेकिन ऐसा है नहीं भारत वास्तव में उसका बडा भाई मात्र है। यहां इंडियन काउंसिल आॅफ वर्ल्ड अफेयर्स के 21 वें सप्रू हाउस लेक्चर की अध्यक्षता करते हुए सुषमा ने ये बात कहीं। सुषमा ने कहा कि ‘बिग ब्रदर’ का हिन्दी में अर्थ बड़ा भाई होता है। लेकिन ‘बिग ब्रदर’ एक पश्चिमी अवधारणा है। हम इसे अलग नजरिए से देखते हैं। बिग ब्रदर में अहंकार नजर आता है लेकिन बड़े भाई में सरोकार होता है। भारत वह बड़ा भाई है जो कभी आपकी मुश्किलों का कारण नहीं बनेगा और आपकी सहायता करेगा। ‘‘मैं उस बड़े भाई की बड़ी बहन के रूप में आपका स्वागत करती हूं।’’ विदेश मंत्री ने ओली को जन्म दिन की शुभकामनाएं भी दी जो आज 65 बरस के हो गए। सुुषमा ने कहा, ‘‘मैं उनसे आठ दिन बड़ी हूं।’’

