भारतीय सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक को आतंकवाद के खिलाफ पूर्व-नियोजित कार्रवाई बताते हुए केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि ऑपरेशन के दौरान सीमा नियमों का कोई भी उल्लंघन नहीं किया गया, क्योंकि पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) भारत का ही हिस्सा है। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक एक मिलिट्री ऑपरेशन ना होकर आतंकवाद विरोधी कार्रवाई थी और नियंत्रण रेखा (एलओसी) हमें ऐसा करने से नहीं रोक सकती। उन्होंने कहा कि भारत को इस तरह के आक्रमण करने को कोई शौक नहीं है, लेकिन भारतीय लोगों की सुरक्षा के लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे।

राठौड़ ने कहा, “अगर आप हमें मजबूर करेंगे तो हम जरूर एक्शन लेंगे। अपने देश की रक्षा के लिए हम एक साथ आकर पूर्व नियोजित कार्रवाई करेंगे। पाक अधिकृत कश्मीर भारत का ही हिस्सा है। इसलिए हमने किसी सीमा का उल्लंघन नहीं किया है।” एलओसी पर सेना की कार्रवाई के बार में सूचना और प्रसारण राजयमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दोस्ती का माहौल बनाने का प्रयास किया “लेकिन इसे कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए।” उन्होंने कहा, “अगर हमारे नागरिकों को धमकी दी जाती है तो हम हमला करेंगे।” उन्होंने कहा कि यह आतंकवादी विरोधी अभियान था।

“भारत ने बुधवार रात LoC पार कर आतंकी ठिकानों पर हमला किया”: रक्षा मंत्रालय

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राठौड़ ने कहा, “आतंकवादी भारत में घुसपैठ करने वाले थे, भय का माहौल बनाने वाले थे और निर्दोषों की हत्या करने वाले थे। इसलिए यह पूर्व नियोजित कार्रवाई है जिन्हें नियंत्रण रेखा के पास अग्रिम शिविरों पर अंजाम दिया गया।” सेवानिवृत्त कर्नल राठौड़ ने कहा कि पाकिस्तान को यह समझना महत्वपूर्ण है कि ये आतंकवादी उनके देश सहित पूरी मानवता के लिए खतरा हैं।

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राठौड़ ने कहा, “वे इसे सरकार से इतर तत्व मानते हैं इसलिए अगर वे इस तरह के हमले नहीं रोक सकते तो भारत खुद की रक्षा करेगा। मेरा मानना है कि यह समझना काफी महत्वपूर्ण है कि यह पूरे धैर्य से की गई कार्रवाई है।” अभियान के बारे में उन्होंने कहा कि लगता है कि आतंकवादियों के इकट्ठा होने की गोपनीय सूचना थी जिसके बाद सेना ने देश की रक्षा के लिए कार्रवाई की। उन्होंने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान को महसूस होगा कि आतंकवादी उनके लिए भी खतरा हैं और वे उन पर अंकुश लगाएंगे।