भारतीय सेना द्वारा एलओसी पार कर पीओके में की गई सर्जिकल स्ट्राइक का सभी राजनैतिक दलों ने समर्थन किया है। सत्ताधारी भाजपा इसमें अपनी ‘जीत’ देख रही है। भाजपा ने एक वरिष्ठ नेता ने कहा- ”सोशल मीडिया पर हमारा काफी मजाक उड़ाया गया और सरकार की जवाब देने की काबिलियित की भी तीखी आलोचना हुई, यह उसका जवाब होगा।” भाजपा सूत्रों के मुताबिक, पार्टी की टॉप लीडरशिप को लगा कि उरी हमले से उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में अगले साल होने वाले चुनावों में उसे नुकसान हो सकता है।” पार्टी और सरकार इसमें उलझकर रह गई थी। भारतीय सेना के जवाब देने में प्रैक्टिकल परेशानियों और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताएं आड़े आ रही थी, लेकिन सेना का मनोबल गिरने का खतरा ज्यादा गंभीर था। एक भाजपा नेता ने कहा, ”अगर हमने हमला नहीं किया होता तो आतंकियों और घुसपैठियों का हौसला बढ़ता।” पार्टी के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा कि ”यह प्रधानमंत्री द्वारा अंतर्राष्ट्रीय बैंक में कमाई गई पूंजी है जिसकी वजह से बांग्लादेश और ईरान जैसे कई देश हमारे साथ खड़े हुए।” उन्होंने कहा- ”भाजपा सरकार आतंकवाद को रोकना चाहती है। प्रधानमंत्री के पास इसके लिए कार्रवाई करने की राजनैतिक इच्छाशक्ति है।” शर्मा ने साफ किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर कोई राजनीति नहीं होगी। उन्होंने कहा- ”प्रधानमंत्री राष्ट्र के विकास और सुरक्षा को लेकर लगातार सभी पार्टियों से बात करते रहे हैं।”
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गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 सितंबर को उरी में आर्मी कैंप पर हुए हमले के करीब आठ घंटे बाद ट्वीट किया था। तब उन्होंने कायराना हमले की निंदा करते हुए देश को भरोसा दिलाया था कि इस हमले को अंजाम देने वालों को इसकी सजा जरूर दी जाएगी। इसके बाद, कुछ दिनों तक मोदी ने वरिष्ठ मंत्रियों और सेना के अधिकारियों के साथ लगातार बैठकें कीं। जिसमें इसी बात पर चर्चा हुई कि पाकिस्तानी धरती पर पल रहे आतंकवाद से कैसे निपटा जाए। तब खबर आई थी कि प्रधानमंत्री हमले के बाद काफी गुस्से में हैं। मोदी ने रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर को भी स्पष्ट निर्देश दिए थे कि वे गोवा छोड़कर सीमा पर ध्यान दें।
सर्जिकल स्ट्राइक पर क्या बोले जॉन अब्राहम और सोनाक्षी सिन्हा: