लोकसभा चुनाव में केरल में बीजेपी का खाता खुलवाने वाले सुरेश गोपी का एक बयान इस समय खूब चर्चा में चल रहा है। उनकी तरफ से इंदिरा गांधी को मदर ऑफ़ इंडिया बता दिया गया है। वही दूसरी तरफ करुणाकरण और मार्क्सवादी नेता ईके नायनार को उन्होंने अपना राजनीतिक गुरु करार दिया है।
सुरेश गोपी ने क्या कहा?
बड़ी बात यह है कि इस प्रकार का बयान तब दिया गया है जब हाल ही में लोकसभा चुनाव में सुरेश गोपी ने बीजेपी के टिकट पर त्रिशूर सीट पर बड़ी जीत हासिल की थी। उन्होंने करुणाकरण के बेटे और कांग्रेस नेता के मुरलीधरण को हरा दिया था। वैसे जब बयान को लेकर विवाद बढ़ने लगा तो सुरेश गोपी ने सामने से आकर स्पष्टीकरण दिया। उनकी तरफ से कहा गया कि करुणाकरण के स्मारक पर जाना राजनीति से प्रेरित नहीं था बल्कि वे क्योंकि उन्हें अपने गुरु मानते हैं, इसी वजह से सिर्फ सम्मान दिखाने के लिए वहां पर गए थे।
जानकारी के लिए बता दें कि 12 जून को कन्नूर में ईके नायनार के घर पर सुरेश गोपी गए थे। वहां पर उन्होंने इंदिरा गांधी को भारत की मां बता दिया था, वही दूसरी तरफ के करुणाकरण को उन्होंने केरल में कांग्रेस पार्टी के जनक के रूप में संबोधित किया था।
चर्चा में सुरेश गोपी
वैसे चुनाव जीतने के बाद से लगातार ही सुरेश गोपी चर्चा का विषय बने हुए हैं। मंत्री पद की शपथ लेने से पहले ऐसा कहा गया था कि इस बार सुरेश गोपी खुद कैबिनेट में शामिल नहीं होना चाहते हैं। उनके पास कई सारी फिल्में थीं, इस वजह से वे दूसरी जिम्मेदारी निभाने को तैयार नहीं थे। लेकिन जब तक यह अटकलें सही साबित हो पातीं, सुरेश गोपी ने सामने से आकर कह दिया कि वह कैबिनेट बर्थ स्वीकार करने वाले हैं। इस बार के केरल चुनाव की बात करें तो बीजेपी ने एक सीट जीतने का काम किया, वही लेफ्ट ने एक सीट जीती और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने दो सीटें जीतने का काम किया।