IPL के संस्थापक ललित मोदी के पारिवारिक विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने नसीहत दी है कि ललित को अपने परिवार के लोगों के साथ उनके वकील मुकुल रोहतगी के खिलाफ टिप्पणी करने से बचना चाहिए। कोर्ट ने मौखिक तौर पर कहा कि मुकुल रोहतगी उनके परिवार के लोगों की पैरवी कर रहे हैं। ऐसे में ललित मोदी को शोभा नहीं देता कि वो इस तरह से सोशल मीडिया पर कोई बखेड़ा खड़ा करें।

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जस्टिस एमएम संदरेश और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने इस मामले में लिखित में कोई आदेश देने से साफ तौर पर इन्कार कर दिया। लेकिन अपनी मौखिक टिप्पणी में बेंच ने ललित मोदी के वकील हरीश साल्वे से कहा कि इस तरह की टिप्पणी से कुछ हासिल नहीं होता है। केवल फजीहत ही हो रही है। आप ललित से कहें कि वो सोशल मीडिया पर किए गए कमेंट्स को तत्काल हटाएं। सार्वजनिक तौर पर इस तरह के कमेंट्स से कानूनी लड़ाई पर भी असर पड़ता है। साल्वे ने कोर्ट को बताया कि मुकुल रोहतगी के खिलाफ किए गए कमेंट को हटा दिया गया है।

जानें ललित मोदी परिवार में कैसे पनपा विवाद

ललित मोदी के पिता केके मोदी का 2019 में निधन हुआ था। उसके बाद परिवार का झगड़ा सामने आया। तकरीबन 12 हजार करोड़ रुपए की मोदी एंटरप्राइजेज को लेकर परिवार गुत्थमगुत्था हो रहा है। इस कंपनी के तहत कई और अन्य कंपनियां भी काम करती हैं। इसमें सिगरेट बनाने वाली कंपनी गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया(जीपीआई) भी शामिल है। गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया का मार्केट कैप इस समय 10 हजार करोड़ से ज्यादा का है। इस कंपनी की एमडी ललित मोदी की मां बीना मोदी हैं। यह कंपनी भारत की सबसे बड़ी तंबाकू कंपनियों में से एक है।

मीडिया रिपोट्‌र्स के मुताबिक, केके मोदी ग्रुप ने परिवार के सभी सदस्यों की शेयर होल्डिंग केके मोदी फैमिली ट्रस्ट में ट्रांसफर कर दी थी। जनवरी 2020 में खबरें आई थीं कि केके मोदी ग्रुप की सभी संपत्तियां बेची जा रही हैं। ललित मोदी ने भी कहा था कि तीन ट्रस्टी बिजनेस चलाना चाहते हैं, जबकि वो इसे बेचना चाहते हैं।

मोदी परिवार के सदस्यों के बीच प्रॉपर्टी का यह केस कोर्ट में भी चल रहा है। 2021 में परिवार एक समझौते के करीब पहुंच गया था। इस समझौते के तहत 11 हजार करोड़ की संपत्ति में परिवार के हर ब्रांच में बराबर बांटी जानी थी। हरीश साल्वे ने कोर्ट को बताया कि ललित मोदी ने बेटे बेटे रुचिर मोदी को अपना उत्तराधिकारी बनाया है।