सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के सोमनाथ मंदिर के पास धार्मिक ढांचों को गिराए जाने के मामले में यथास्थिति बनाए रखने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर पिछले निर्देशों का उल्लंघन पाया गया तो राज्य सरकार के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा और सख्त कार्रवाई की जाएगी। दोषी अफसरों को जेल भेज दिया जाएगा। इस मामले में अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी।
धार्मिक स्थलों को गिराए जाने पर गुजरात सरकार से मांगा जवाब
यह मामला गुजरात के गिर सोमनाथ जिले का है, जहां प्रशासन ने 28 सितंबर को एक बड़े अभियान के तहत ईदगाह और दरगाह सहित कई अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया था। इस दौरान 135 लोगों को हिरासत में लिया गया था, और करीब 15 हेक्टेयर जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया था। इस कार्रवाई में सैकड़ों पुलिसकर्मी और बुलडोजर शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से सोमनाथ मंदिर के पास ईदगाह और दरगाह समेत कई अवैध निर्माण एवं अतिक्रमण को ध्वस्त करने पर जवाब मांगा है।
प्रशासन ने यह भी बताया कि धार्मिक ढांचों के साथ-साथ कई घरों और अन्य संरचनाओं को भी हटाया गया। पुलिस ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए इलाके की मुख्य सड़कों को बंद कर दिया था, जिससे किसी अप्रिय घटना की संभावना को रोका जा सके।
मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर यह दावा किया कि अतिक्रमण हटाने के दौरान कुछ धार्मिक स्थलों को गलत तरीके से तोड़ा गया। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह कार्रवाई कोर्ट के आदेशों के खिलाफ है, इसलिए मामले की गहन जांच की जानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि अगर राज्य सरकार ने पिछले आदेश का उल्लंघन किया तो उन्हें धार्मिक ढांचों को बहाल करना होगा। कोर्ट ने राज्य को चेतावनी दी कि अगर भविष्य में अवमानना पाई गई, तो दोषी अधिकारियों को जेल भी भेजा जा सकता है।