सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा एवं केंद्र को बुधवार (13 जुलाई) को बड़ा झटका दिया तथा विधानसभा सत्र को एक महीने पहले बुलाने के राज्यपाल के निर्णय को ‘असंवैधानिक’ बताते हुए खारिज कर दिया और अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार की बहाली का बुधवार (13 जुलाई) को आदेश दिया। न्यायालय के आदेश ने नाबाम तुकी की बर्खास्त कांग्रेस सरकार की सत्ता में वापसी का रास्ता साफ कर दिया है और विधानसभा के छठे सत्र की कार्यवाही को 14 जनवरी 2016 से एक महीने पूर्व 16 से 18 दिसंबर 2015 को बुलाए जाने से संबंधित राज्यपाल ज्योति प्रसाद राजखोवा के निर्देश को दरकिनार कर दिया।
न्यायमूर्ति जे एस खेहर की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने सर्वसम्मति से लिए गए अपने ऐतिहासिक फैसले में आदेश दिया कि अरुणाचल प्रदेश विधानसभा में 15 दिसंबर, 2015 की यथास्थिति कायम रखी जाए। न्यायालय ने कहा कि राज्यपाल के नौ दिसंबर, 2015 के आदेश की अनुपालना में अरुणाचल प्रदेश विधानसभा द्वारा उठाए गए सभी कदम एवं फैसले बरकरार रखने योग्य नहीं है। कांग्रेस के 47 में से 21 विधायकों द्वारा तुकी के खिलाफ बगावत करने के बाद मची उथलपुथल के कुछ दिन पश्चात अरुणाचल प्रदेश की नाबाम तुकी नीत सरकार को बर्खास्त कर दिया गया था। राज्य में 26 जनवरी को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था।
उच्चतम न्यायालय ने इस वर्ष 20 फरवरी को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था और इससे कुछ पहले ही कांग्रेस के बागी नेता कालिखो पुल ने 60 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 18 असंतुष्ट विधायकों, दो निर्दलियों के समर्थन और भाजपा के 11 विधायकों के बाहरी समर्थन के साथ अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। न्यायमूर्ति खेहर के अलावा न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एम बी लोकुर, न्यायमूर्ति पी सी घोष और न्यायमूर्ति एन वी रमन इस पीठ में शामिल हैं। न्यायालय का बुधवार (13 जुलाई) का फैसला कांग्रेस के लिए उत्साहजनक है क्योंकि उत्तराखंड के बाद अरुणाचल प्रदेश ऐसा दूसरा राज्य है जहां न्यायालय ने पिछले कुछ महीनों में कांग्रेस नीत सरकार को बहाल किया है।
तुकी ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह ‘ऐतिहासिक’ था और इस निर्णय ने लोकतंत्र की रक्षा की है तथा न्याय सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय का आज (बुधवार, 13 जुलाई) का फैसला ऐतिहासिक है। यह देश में स्वस्थ लोकतंत्र की रक्षा का मार्ग प्रशस्त करता है।’ अपनी सरकार को बर्खास्त किए जाने से पहले तक तुकी अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री थे।