गृह मंत्रालय को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है। उच्चतम न्यायाल ने एनआरसी के मुद्दे पर मंत्रायल को फटकार लगाते हुए टिप्पणी की है कि लगता है आप काम खराब करने की कोशिश में हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि, वह एनआरसी को आगे नहीं बढ़ाना चाहते लेकिन आप हर बार नई कहानी ले आते हैं। लगता है आप काम खराब करना चाहते हैं।
मामले पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा, असम नागरिकता मामले की प्रक्रिया में देरी के लिए गृह मंत्रालय हर तरह के बहाने लेकर आ रहा है। गृह मंत्रालय एनआरसी की प्रक्रिया को नष्ट करने की कोशिश में है। क्या हमें गृह सचिव को बुलाना चाहिए? क्योंकि एजी और एसजी ने ठीक से ब्रीफ नहीं किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने बीते महीने ही स्पष्ट कहा था कि अब असम एनआरसी के आखिरी प्रकाशन को 31 जुलाई की समय सीमा के आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। आगामी लोकसभा चुनाव का हवाला देते हुए मांग की गई थी कि सितंबर तक समय बढ़ाया जाए। कोर्ट ने इस मांग ठुकराते हुए कहा कि इसका प्रकाशन 31 जुलाई तक हो जाना चाहिए। चुनाव और एनआरसी पर काम साथ में चलते रहना चाहिए। दोनों काम का असर एक दूसरे पर नहीं पड़ना चाहिए।
बता दें कि, इसी मुद्दे पर असम में भारतीय जनता पार्टी सरकार की बड़ी चूक सामने आई थी। न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, विधानसभा सत्र के दौरान राज्य में अवैध रूप से रहने वाले विदेशी नागरिकों का ब्योरा मांगा गया। उस दौरान मंत्री ने 2 अलग-अलग आंकड़े पेश कर दिए। एक सवाल के जवाब में राज्य के संसदीय कार्य राज्य मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने बताया, ‘1985 से अगस्त 2018 तक कुल 1,03,764 लोगों को अवैध विदेशी घोषित किया गया। जबकि दूसरे सवाल के जवाब में पटवारी ने ही बताया कि ‘1985 से अगस्त 2018 तक 94,425 लोगों को अवैध विदेशी घोषित किया गया।’