सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई पर 6 अक्टूबर 2025 को एक वकील राकेश किशोर ने जूता फेंकने की कोशिश की थी। इसके बाद पुलिस ने वकील को हिरासत में ले लिया और बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। सोशल मीडिया पर वकील की जाति को लेकर चर्चा हो रही है। इस बीच राकेश किशोर ने खुद अपनी जाति बताई है। उन्होंने कहा कि मैं खुद दलित हूं।

मैं दलित हूं- राकेश किशोर

मीडिया वेबसाइट ऑपइंडिया से बात करते हुए राकेश किशोर ने कहा कि लोग मुझे नहीं जानते, मैं ना पांडे हूं, ना मैं तिवारी हूं, ना मैं गुप्ता हूं, ना मैं जायसवाल हूं- मैं दलित हूं और मैं अपना जाति प्रमाण पत्र भी दिखाने को तैयार हूं।

पत्रकार ने राकेश किशोर से पूछा कि भगवान विष्णु को लेकर चीफ जस्टिस ने जो टिप्पणी की क्या वह जानबूझकर की गई थी? इसके जवाब में राकेश किशोर ने कहा कि नहीं, वह टिप्पणी जानबूझकर नहीं की गई थी बल्कि CJI के मन के अंदर जो बात है, वह बात बाहर आ गई। राकेश किशोर ने कहा कि मुझे दुख होता है कि एक वर्ग हिंदुओं से कटकर अलग तैयार हो रहा है और उन्होंने ही मेरे घर का घेराव किया था।

‘अगर परमात्मा मुझे दोबारा कहेंगे तो मैं फिर करूंगा’, CJI गवई पर जूता फेंकने वाले राकेश किशोर बोले- कोई अफसोस नहीं

राकेश किशोर ने यह भी कहा कि बौद्ध धर्म का ज्ञान जितना मुझे है, उतना किसी और को मिलना मुश्किल है। राकेश किशोर ने कहा कि मैंने गौतम बुद्ध को सबसे अधिक पढ़ा है। राकेश किशोर ने यह भी कहा कि मैं भगवान बुद्ध के विचारों से प्रभावित हूं।

मेरा उद्देश्य है कि मैं भगवान विष्णु की मूर्ति को रिस्टोर कराऊं- राकेश किशोर

पत्रकार ने पूछा कि आपकी जान को खतरा है? इसके जवाब में राकेश किशोर ने कहा, “आपको तो पता है कि यह कौन लोग है जो सर तन से जुदा करने में इंटरेस्टेड रहते हैं। कन्हैयालाल कुमार को मार कर उनका वीडियो बनाया और मारने वाले आज भी आजाद घूम रहे हैं। हमपर कभी भी अटैक हो सकता है, वे कुछ भी कर सकते हैं ताकि सनातन की आवाज हमेशा के लिए मर जाए। मेरा अगला कदम है कि मैं खजुराहो में भगवान विष्णु के मंदिर जाऊंगा। मेरा उद्देश्य है कि मैं उसको रिस्टोर कराऊं। अनशन करूंगा। मुझे भगवान का आदेश प्राप्त हो गया है। मेरा यही संदेश है कि चुप ना बैठे। सनातन के लिए जागृत करें, अपने बच्चों को आगे करें।”