Supreme Court News: सर्पदंश (Snake Bite) की समस्या के “पूरे देश में” व्याप्त होने का उल्लेख करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार से कहा कि वह सभी राज्यों को साथ लेकर मेडिकल सुविधाओं में स्नेक बाइट का ट्रीटमेंट उपलब्ध कराने के लिए “कुछ करे”।

जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस एस.वी.एन. भट्टी की बेंच एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया था कि सांप के काटने के इलाज में महत्वपूर्ण ‘एंटी-वेनम’ की कमी के कारण देश एक बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहा है।

बेंच ने केंद्र सरकार के वकील से कहा, “आप राज्यों को भी इसमें शामिल कर सकते हैं। समस्या पूरे देश में है।”

इसमें आगे कहा गया, ‘आप सभी राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर कुछ करने का प्रयास कर सकते हैं। यह कोई विरोधात्मक मुकदमा (adversarial litigation) नहीं है।”

Snake Bite: उठाए गए कदमों की जानकारी देगी केंद्र सरकार

केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर उठाए गए कदमों की जानकारी रिकार्ड में रखेगी। कुछ राज्यों के वकीलों ने कहा कि वे इस मामले में अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करेंगे, जिसके बाद बेंच ने उन्हें छह सप्ताह का समय दिया और मामले की सुनवाई उसके बाद के लिए स्थगित कर दी।

पिछले साल 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने वकील शैलेन्द्र मणि त्रिपाठी द्वारा दायर याचिका पर केंद्र और अन्य से जवाब मांगा था। याचिका में पीड़ितों की जान बचाने के लिए स्वास्थ्य केंद्रों, सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में ‘एंटी-वेनम’ और स्नेक बाइट ट्रीटमेंट कराने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

सांप के काटने पर तुरंत करें ये 5 काम, भूलकर भी न करें ऐसी गलतियां

एडवोकेट चांद कुरैशी के जरिए से दायर याचिका में तर्क दिया गया कि विश्व में सर्पदंश से होने वाली मौतों की सबसे अधिक दर वाले देश भारत में हर साल लगभग 58,000 मौतें होती हैं। इसमें तर्क दिया गया कि, “इतने ज्यादा डेथ रेट के बावजूद, एंटीवेनम (पॉलीवेनम) की कमी है।”

याचिका में कहा गया है कि देश के कई ग्रामीण क्षेत्रों में ‘विष रोधी’ दवा का पर्याप्त स्टॉक नहीं है, जिसके कारण स्नेक बाइट पीड़ितों के उपचार में देरी होती है। इसलिए याचिका में सर्पदंश रोकथाम स्वास्थ्य मिशन चलाने और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में डेथ रेट कम करने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया। याचिका में सरकारी जिला अस्पतालों और चिकित्सा महाविद्यालयों में मानक चिकित्सा मानदंडों के अनुसार विशेष प्रशिक्षित डॉक्टरों के साथ सर्पदंश उपचार और देखभाल इकाइयां स्थापित करने के निर्देश देने का अनुरोध भी किया गया है। (इनपुट – PTI / भाषा)

ये भी पढ़ें: पंजाब में अंबेडकर की प्रतिमा में तोड़फोड़ के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, विपक्षी दलों के निशाने पर AAP की भगवंत मान सरकार