सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार की एनआरआई कोटे का दायरा बढ़ाने से जुड़ी अपील को खारिज कर दिया है। सरकार ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के एक फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, दरअसल हाईकोर्ट ने 10 सितंबर को सरकार के उस नोटिफिकेशन को खारिज कर दिया था जिसमें सरकार ने मेडिकल में प्रवेश के लिए एनआरआई कोटे का दायरा बढ़ाकर उनके दूर के रिश्तेदारों ‘जैसे चाचा, चाची, दादा-दादी और चचेरे भाई’’ को भी इसमें शामिल किया था।  

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा? 

सुप्रीम कोर्ट  ने पंजाब सरकार की अपील खारिज करते हुए कहा कि यह धोखाधड़ी अब बंद होनी चाहिए। चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस  जे. बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच  ने कहा कि यह और कुछ नहीं बल्कि पैसा कमाने की मशीन है। सुनवाई करते हुए अदालत ने काफी सख्ती से पेश आते हुए कहा कि हम सभी याचिकाएं खारिज कर देंगे। यह एनआरआई व्यवसाय एक धोखाधड़ी के अलावा और कुछ नहीं है।

अदालत ने कहा कि पूरी तरह से धोखाधड़ी है और हम अपनी शिक्षा व्यवस्था के साथ यही कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट का फैसला बिल्कुल सही है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विदेश में बसे ‘मामा, ताई, ताया’ के दूर के रिश्तेदारों को मेधावी उम्मीदवारों से पहले प्रवेश मिल जाएगा और जिन उम्मीदवारों के अंक तीन गुना अधिक हैं, वे (एनईईटी-यूजी पाठ्यक्रमों में) प्रवेश नहीं ले पाएंगे। इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती है।