सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से एक दिलचस्प मामला निकलकर सामने आया है। एक मामले को लेकर सुनवाई चल रही थी और इसी दौरान सुप्रीम कोर्ट के जज टिंडर और किंडल को लेकर कन्फ्यूज हो गए। दरअसल देश के ग्रामीण इलाकों में लाइब्रेरी बनाने को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई थी। इस दौरान इस पर बहस चल रही थी।

लाइब्रेरी बनाने को लेकर चल रही थी सुनवाई

मामले की सुनवाई जस्टिस पीवी संजय कुमार और अनिरुद्ध बोस कर रहे थे। सुनवाई के दौरान जज ने पूछा कि सरकार ग्रामीण इलाकों में लाइब्रेरी बनाने के लिए क्या कर रही है? इसको लेकर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी ने बताया कि सरकार ग्रामीण इलाकों में लाइब्रेरी पर काम कर रही है और उसके डिजिटाइजेशन पर भी काम किया जा रहा है।

जो मजा लाइब्रेरी में बैठकर पन्ने पलटने में है, वो और कहां- जज

इसके बाद जस्टिस संजय कुमार ने कहा, “जो मजा लाइब्रेरी में बैठकर पन्ने पलटने में है, वह डिजिटल में कहां? आप उसको क्या बोलते हैं? टिंडर।” इसके बाद कोर्ट रूम में लोग हंसने लगे। फिर ASG ने कहा कि नहीं, उसे किंडल कहते हैं। इसके बाद जस्टिस संजय कुमार ने हंसते हुए कहा कि, हां, टिंडर एक डेटिंग एप है।

न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस ने एएसजी विक्रमजीत बनर्जी की बात सुनी और डिजिटल युग को अपनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि शैक्षणिक और साहित्यिक सामग्री सहित कई संसाधन अब इलेक्ट्रॉनिक रूप में आसानी से उपलब्ध हैं। विक्रमजीत बनर्जी ने जोर देकर कहा, “आजकल हर चीज ई-फॉर्म में आसानी से उपलब्ध है। चाहे वह इकोनॉमिस्ट आदि हो। जिस तरह से हम पारंपरिक रूप से उपभोग करते हैं, उसे बदलना होगा।”

किंडल क्या होता है?

किंडल एक पोर्टेबल ई-रीडर है जिसे Amazon ने बनाया है। ये डिजिटल ई-बुक्स, मैगजीन्स, न्यूज़पेपर और अन्य पढने वाली पुस्तक को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में बदल देता है। किंडल में बिल्ट इन स्पीकर और हेडफोन भी होता है, जिससे यूजर आसानी से सुन सकता है। किंडल को सबसे पहले नवंबर 2007 में रिलीज़ किया गया था। इसके बाद इसके कई अपडेटेड वर्जन आये।