Supreme Court Hearing: सुप्रीम कोर्ट ने सांसदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों को लेकर सख्त रुख अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने एमपी और एमएलए के खिलाफ आपराधिक मामलों के शीघ्र निपटारे को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट के लिए एक समान दिशानिर्देश बनाना उसके लिए मुश्किल होगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालयों से ऐसे मामलों की प्रभावी निगरानी और निपटान के लिए स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज करने को कहा है।
बता दें कि सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित मामलों को जल्द खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहले ही विशेष MP/MLA कोर्ट बना चुका है। इन कोर्ट में ऐसे 65 मामलों पर अभी भी सुनवाई जारी है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि विशेष न्यायालयों में भी कई सालों से मामले लंबित है। ऐसे में विशेष कोर्ट बनाने का कोई औचित्य ही नहीं रहा है। वर्तमान में देश के 9 राज्यों में ऐसी 10 विशेष अदालत काम कर रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या दिया निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के सभी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, जिला जज से काह कि इन मामलों के निस्तारण के लिए समय-समय पर रिपोर्ट लेते रहें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस वेबसाइट में लगातार एमपी/एमएलए के खिलाफ लंबित केस का ब्यौरा डाला जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन मामलों की सुनवाई कर यह बता लगाया जाए कि आखिर यह मामले लंबित क्यों हैं। इन मामलों के निस्तारण में देरी क्यों हो रही है। कोर्ट ने कहा कि इन मामलों के निस्तारण में किन स्तर पर रुकावट आ रही है इसका पता लगाया जाए।