सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (4 मई) को 2019 के लोकसभा चुनाव में थूथुकुडी लोकसभा क्षेत्र से निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर डीएमके सांसद एम॰ के॰ कनिमोझी को बड़ी राहत दी है।
जस्टिस अजय रस्तोगी और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कनिमोझी के चुनाव के खिलाफ दायर चुनाव याचिका को खारिज करते हुए कनिमोझी द्वारा इस संबंध में दायर की गई अपील को स्वीकार कर लिया है जिसमें मद्रास उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें चुनाव याचिका को रद्द करने से इनकार किया गया था।
सांसद एम के कनिमोझी ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने द्रमुक सांसद के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करने से इनकार कर दिया था। जस्टिस अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने कहा- चुनाव याचिका खारिज की जाती है, कनिमोझी की अर्जी स्वीकार की जाती है।
पैन नंबर छिपाने के आरोप
एम॰ के॰ कनिमोझी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में थूथुकुडी लोकसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की थी। हालांकि, ए सनातन कुमार नाम के एक मतदाता ने इस आधार पर एम॰ के॰ कनिमोझी के चुनाव को चुनौती दी थी कि उन्होंने परिवार की संपत्ति का खुलासा करने वाले चुनावी हलफनामे में अपने पति के पैन नंबर (स्थाई खाता संख्या) का विवरण नहीं दिया था।
कनिमोझी की याचिका में क्या था?
हालांकि कनिमोझी की याचिका में साफ तौर पर कहा गया था कि उन्होंने उल्लेख किया कि उनके पति, सिंगापुर के नागरिक हैं और उनके पास पैन नंबर नहीं है। यदि प्रतिवादी का तर्क है कि यह बयान गलत है तो उन्हें इस आरोप को साबित करना चाहिए कि बयान गलत है। उनके बारे में कही गयी बातें बेतुकी हैं। सांसद के वकील ने कहा कि उनके पति के पास पैन नंबर नहीं है क्योंकि वह सिंगापूर में रहते हैं, इस तरह सांसद को कब तक अदालत में तड़पना पड़ेगा? हम विदेशी आय का खुलासा नहीं कर सकते, क्योंकि इसके लिए कोई कॉलम ही नहीं है।