कांग्रेस सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की रहस्यमय हालात में हुई मौत के मामले की जांच के लिए दिल्ली पुलिस ने एक विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया है। पुलिस आयुक्त ने मंगलवार को इस मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू करने की बात कही थी। एसआइटी का गठन दक्षिणी जिला पुलिस उपायुक्त की देखरेख में किया गया है। आयुक्त ने यह भी कहा कि दल अब उन सभी लोगों से पूछताछ करेगा और उन तमाम बिंदुओं से जांच करेगा जिसकी आवश्यकता समझी जाएगी।
दिल्ली पुलिस आयुक्त भीम सेन बस्सी ने बुधवार को पुलिस मुख्यालय में पत्रकारों से कहा कि हमने सुनंदा पुष्कर मामले की जांच के लिए एक एसआइटी का गठन किया है। थरूर से पूछताछ की संभावना से इनकार नहीं करते हुए उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए जो भी जरूरी होगा, किया जाएगा। एक साल के बाद मामला दर्ज करने के बाबत पूछे गए सवाल पर मंगलवार की तरह ही बुधवार को भी बस्सी ने कहा कि एम्स की अंतिम रिपोर्ट के कारण एफआइआर दर्ज करना जरूरी हो गया था ताकि सुनंदा के विसरा के नमूने आगे की जांच के लिए विदेश भेजे जा सकें। उन्होंने कहा कि जब हम भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत एक मामला दर्ज करते हैं तो इसका मतलब यह है कि हमारे पास इस बात पर विश्वास करने के प्रथम दृष्टया कारण हैं कि यह हत्या का मामला है।
पुलिस आयुक्त ने मंगलवार को सुनंदा की मौत के मामले में एम्स की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आइपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया था। आयुक्त के मुताबिक, रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला गया है कि उनकी मौत अप्राकृतिक है और यह जहर के कारण हुई। जहर खाने में दी गई या फिर इंजेक्शन से इसकी जांच बाकी है। अभी तक किसी को संदिग्ध नहीं बनाया गया है। एफआइआर में भी किसी का नाम नहीं है। जांचकर्ताओं ने सुनंदा के विसरा नमूने को ब्रिटेन या अमेरिका की प्रयोगशाला में भेजने का निर्णय किया है ताकि जहर की पहचान की जा सके, साथ ही यह भी पता लगाया जा सके कि क्या वह रेडियोधर्मी समस्थानिक (आइसोटोप) है जिसकी पहचान भारतीय प्रयोगशालाओं में नहीं की जा सकती है।
बस्सी ने कहा कि एसआइटी ने मामले की तहकीकात के लिए एक कार्ययोजना को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। एसआइटी की देखरेख का जिम्मा दक्षिणी जिला पुलिस उपायुक्त के हाथ में होगा। इलाके से एएसपी और सरोजनीनगर थाने के एसएचओ उन्हें जांच की प्रगति रिपोर्ट देंगे। बुधवार को जब आयुक्त ने एसआइटी के गठन की घोषणा की है तो यह संभावना प्रबल हो गई है कि शशि थरूर, उनके रिश्तेदारों और निजी कर्मचारियों के साथ उस पांच सितारा होटल के कर्मचारियों से भी पूछताछ हो सकती है जहां सुनंदा पिछले साल 17 जनवरी को मृत पाई गर्इं थीं। जांच दल होटल के डाक्टर से भी पूछताछ करेगा जिसने सुनंदा को मृत घोषित किया था और होटल के सीसीटीवी फुटेज को दोबारा खंगालेगा। सुनंदा के मोबाइल फोन और लैपटाप की फोरेंसिक रिपोर्ट का भी मूल्यांकन किया जाएगा।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि इससे पहले दिल्ली पुलिस के दल ने केरल के तिरुवनंतपुरम में एक अस्पताल का दौरा किया जहां सुनंदा को दिल्ली में एक होटल में मौत से कुछ दिनों पहले भर्ती कराया गया था। दल ने उन डाक्टरों से मुलाकात की जिन्होंने सुनंदा का इलाज किया था। दल ने डाक्टरों से सुनंदा की बीमारी के बारे में पूछा और मेडिकल रिकार्ड देने को कहा। सुनंदा को पिछले साल 12 से 14 जनवरी के बीच तिरुवनंतपुरम के केरल इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसेज में भर्ती कराया गया था। वे तीन दिन बाद दिल्ली के एक पंच सितारा होटल में मृत मिली थीं।
दिल्ली पुलिस ने एम्स की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर सुनंदा की मौत के मामले में मंगलवार को आइपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया था। एम्स मेडिकल बोर्ड ने पिछले साल 30 सितंबर को पुलिस को सौंपी गई अपनी दूसरी रिपोर्ट में कहा था कि उनका मस्तिष्क, किडनी, फेफड़े और यकृत सही तरीके से काम कर रहे थे और उनकी मौत जहर के कारण हुई थी।
बोर्ड के 12 पृष्ठों की रिपोर्ट में कहा गया था कि इस मामले में मौत का कारण जहर है। विसरा में इथायल अल्कोहल, कैफिन, एसिटामिनोफेन और कोटिनिन होने के संकेत हैं। पैनल ने मुहैया कराए गए मेडिकल दस्तावेजों के आधार पर यह निष्कर्ष भी दिया है कि सुनंदा को हृदय संबंधी कोई समस्या नहीं थी। वे उच्च रक्तचाप, मधुमेह या तपेदिक जैसी बीमारी से भी पीड़ित नहीं थीं। पैनल ने यह निष्कर्ष दिया कि सुनंदा न तो बीमार थीं और न ही मौत के पहले उन्हें कोई बीमारी थी। वे सामान्य रूप से स्वस्थ महिला थीं। मेडिकल बोर्ड ने उनके शरीर पर जख्म के सभी निशानों की जांच की थी और ‘जख्म संख्या 10’ को सीरिंज की सुई से हुआ बताया था जो अब हत्या के मामले के रूप में परिणत होने का कारण बना।