लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने अभिभावकों से कहा कि अगर वे निजी स्कूलों की फीस नहीं भर पा रहे हैं तो अपने बच्चों का एडमिशन सरकारी स्कूल में करवा दें। उन्होंने यह बात शनिवार को इंदौर में अपने लोकसभा क्षेत्र के लोगों से कही। हुआ यूं कि सीए एसोसिएशन और इंदौर पैरेंट्स एसोसिएशन के सदस्य शनिवार को सुमित्रा महाजन के पास निजी स्कूलों में मनमानी फीस बढ़ोतरी की शिकायत लेकर पहुंचे थे। इस पर सुमित्रा महाजन ने अभिभावकों की मदद करने या सांत्वना देने के बजाय उल्टा उन्हें बच्चों का एडमिशन सरकारी स्कूल में कराने की नसीहत दे दी।
लोकसभा स्पीकर की नसीहत से गरीब बच्चों के अभिभावक काफी दुखी हैं। पूर्व संभागीय संयुक्त संचालक (लोक शिक्षण) केके पांडे ने कहा कि निजी स्कूलों के संबंध में हमने एक ड्राफ्ट तैयार किया है। हमारी मांग है कि इसी के हिसाब से फीस तय की जानी चाहिए। पांडे ने बताया कि उन्होंने जब सुमित्रा महाजन से कहा कि निजी स्कूलों की बीमारी दूर करने की जरूरत है तो जवाब में उन्होंने कहा कि आप इसे बीमारी मत कहो। आपको बीमारी लगती है तो बच्चों को निजी स्कूलों में मत पढ़ाओ, सरकारी में पढ़ाओ। पिछले दिनों गुजरात के एक कार्यक्रम में लोकसभा स्पीकर सुमित्रा ने आरक्षण की समीक्षा की बात कही थी। इस पर देश भर के पिछड़े और अति पिछड़े समाज से आने वाले नेताओं ने उनका विरोध शुरू कर दिया था।