बार-बार मेहनत करने पर अपेक्षित परिणाम न मिलने से निराशा होना स्वाभाविक है, लेकिन कई बार परिस्थितियों की वजह से भी सफलता हाथ नहीं लगती। इसके लिए सीधे-सीधे खुद को जिम्मेदार न ठहराएं और स्थिति का आकलन करें। अगर मेहनत करना छोड़ देंगे, तो सफलता की संभावना का फीसद शून्य रह जाएगा।
कहां पीछे रहे, केवल यह पक्ष देखने के बजाए कहां अच्छा प्रदर्शन किया इस पर भी गौर करें। औसत विद्यार्थी पढ़ाई के लिए गंभीरता रखते हैं और आगे बढ़ने के मौके तलाशते हैं। यही सकारात्मकता उन्हें कामयाब बनाती है। स्कूल या कालेज में होने वाली गतिविधियों में विद्यार्थियों की भाग लेने की इच्छा होती है लेकिन कुछ विद्यार्थी शर्म और हार के डर से पीछे हट जाते हैं।
अगर आप में भी यह आदत है तो उसे पीछे छोड़कर अच्छा प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों के साथ मेलजोल बढ़ाएं। इससे आप अपनी कमियों को जान पाएंगे और खुद को बेहतर बना पाएंगे। प्रतिस्पर्धा के इस दौर में कई बार पढ़ाई और नौकरी में मनचाहे अवसर नहीं मिल पाते। लेकिन अपनी योग्यता के अनुरूप विकल्प खोजने की कोशिश जरूर करें। निराश न हों, बल्कि कहीं और भी नजर दौड़ाकर दूसरे अवसर ढूंढ़ें। कुछ विद्यार्थी किसी खास विषय में बहुत अच्छा प्रदर्शन करते हैं और कुछ में थोड़ा पीछे रह जाते हैं। ऐसा होने पर ज्यादा परेशान न हों। अपनी रुचि को छोड़कर हर विषय के पीछे भागना न शुरू कर दें।