सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को राहत देते हुए सरेंडर करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। साथ ही बुधवार को उनकी पैरोल बढ़ाने की याचिका पर सुनवाई पर भी सहमति जताई। इससे पहले शुक्रवार सुबह कोर्ट ने सुब्रत रॉय को जेल भेजे जाने का आदेश दिया था। इसके बाद कपिल सिब्बल ने बिना शर्त माफी मांगते हुए इस आदेश को रद्द करने और पैरोल पर पुनर्विचार की अपील की थी। सिब्बल ने कहा कि वरिष्ठ वकील राजीव धवन इस मामले में आगे कोर्ट में पेश नहीं होंगे। शुक्रवार सुबह धवन के तर्कों से गुस्साकर चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की बैंच ने रॉय की पैरोल को रद्द करने का फैसला दिया था। इसके बाद बीमार होने के बावजूद सिब्बल कोर्ट आए और उन्होंने बिना शर्त माफी मांगी। सिब्बल से कोर्ट ने कहा कि संस्थान का सम्मान किया जाना चाहिए। इस पर सिब्बल ने कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से भरोसा दिला रहे हैं कि आगे से ऐसा कभी नहीं होगा।
गौरतलब है कि 2 साल की जेल काट चुके सुब्रत इस वक्त पैरोल पर बाहर हैं। उनकी पैरोल आज यानी 23 सितंबर को खत्म हो रही है। उनकी पैरोल को सुप्रीम कोर्ट ने ही बढ़ाया था। मई में उन्हें पैरोल मिली थी। तब उनकी मां का निधन हो गया था। तब उन्हें 28 दिन की पैरोल मिली थी। जिसे बाद में बढ़वाया गया था। शुक्रवार (23 सितंबर) को सुब्रत के वकील ने पैरोल को बढ़ाने के लिए अर्जी दी थी। लेकिन कोर्ट ने कहा, ‘तुम्हें फिर से जेल जाना होगा।’
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह से पूछा था कि उसने किन स्रोतों से 25,000 करोड़ रुपए जुटाकर निवेशकों को नकद में भुगतान किया है। न्यायालय ने समूह से कहा कि वह यह राशि जुटाने के स्रोतों का खुलासा कर पाक साफ होकर सामने आए। शीर्ष अदालत ने कहा था कि यह बात हजम करना मुश्किल है क्योंकि इतनी बड़ी राशि ऊपर से नहीं गिरी होगी।
#Sahara Censured by CJI and dumped by Subrata Roy & his legal team, sr adv Rajeev Dhavan issues handwritten statement.@IndianExpress pic.twitter.com/sMSnTtrSBp
— Utkarsh Anand (@utkarsh_aanand) September 23, 2016
मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘आप बताएं कि इस पैसे का स्रोत क्या है? क्या आपको अन्य कंपनियों और अन्य योजनाओं से 24,000 करोड़ रुपए मिले ? बैंक खातों से यह राशि निकाली? या फिर संपत्ति बेचकर यह राशि जुटाई? यह इन तीनों में से किसी एक माध्यम से होगी। पैसा ऊपर से नहीं गिरता। आपको बताना होगा कि यह धन आपको कहां से मिला।’ पीठ ने कहा कि उन्हें सहारा के करोड़ों रुपए लौटाने की क्षमता पर शक नहीं है लेकिन फिर भी वह जानना चाहती है कि दो महीने में पैसा कहां से आया। यह केस 2012 से चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में सहारा समूह को ऑर्डर दिया था कि उसे जल्द से जल्द अपने 3 करोड़ निवेशकों के 24,000 करोड़ रुपए जमा करवाने होंगे।
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