सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय मई के महीने से पैरोल पर रिहा हैं लेकिन अब उन पर फिर से जेल जाने का खतरा मंडरा रहा है। शुक्रवार को दो सेशन में सुनवाई हुई। पहले सेशन में सुब्रत रॉय के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट को नाराज कर दिया इस पर तुरंत जेल भेजने आदेश जारी कर दिया गया। लेकिन जब दूसरे वकील ने माफी मांगी और दया की अपील की तो जेल भेजने के आदेश को एक सप्ताह के लिए टाल दिया गया। साथ ही कोर्ट को बताया गया कि पहले वाले वकील को हटा दिया गया है।
सुब्रत रॉय की पैरोल पर कोर्ट फैसला अगले सप्ताह बुधवार को करेगा। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई काफी नाटकीय रही। हटाए गए वकील ने बयान जारी कर अफसोस जताया कि चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने उनके पीछे ‘निर्दय बयान’ दिए। इस सबकी शुरुआत निवेशकों को पैसे न लौटाने के आरोप पर अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान हुर्इ। चीफ जस्टिस के साथ ही जस्टिस अनिल आर दवे और एके सीकरी की सदस्यता वाली बैंच ने यह सुनवाई की।
याचिका में सुब्रत रॉय के साथ ही सहारा के निदेशकों अशोक रॉय चौधरी और रवि एस दुबे को भी आरोपी बनाया गया। इन तीनों को सुब्रत रॉय की मां के निधन के बाद पैरोल पर रिहा किया गया था। इससे पहले तीनों दो साल तक जेल में रहे। नियमित अंतराल पर निवेशकों का पैसा लौटाने की शर्त के साथ उनकी पैरोल बढ़ती गई। कपिल सिब्बल के बीमार होने के कारण वरिष्ठ वकील राजीव धवन शुक्रवार को सुब्रत रॉय के पक्ष में कोर्ट में आए।
सुनवाई के दौरान कोर्ट पैरोल बढ़ाने और तीन अक्टूबर तक सुनवाई स्थगित करने को तैयार था। लेकिन कार्यवाही के आखिरी समय के दौरान सेबी के वकीलों ने शिकायत करते हुए कहा कि सहारा ने नीलामी के लिए संपत्तियों की जो सूची दी है उसमें कई ऐसे नाम है जो पहले से ही अटैच हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि निवेशकों का पैसा लौटाने और पैसे उगाहने के लिए जो भी है उसे बेच दिया जाए। लेकिन धवन ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि यह अन्याय है। बिना उन्हें सुने और प्रक्रिया में शामिल किए संपत्तियों को शामिल करना सही नहीं है।
चीफ जस्टिस ने धवन के इस बयान पर त्वरित जवाब देते हुए कहा, ”यदि आप चाहते हैं किे आपको सुना जाए तो आपको पहले जेल जाना चाहिए।” पीछे हटने से इनकार करते हुए धवन ने कहा कि बैंच का इस तरह की टिप्पणी करना गलत है। उन्होंने कहा, ”माय लॉर्ड ऐसा कैसे कह सकते हैं?” पिछले आदेश के अनुसार हमने पहले ही 352 करोड़ रुपये जमा करा दिए हैं जो कि 52 करोड़ रुपये ज्यादा हैं। यह सही बयान नहीं है। वास्तव में यह अन्यायपूर्ण है। कोर्ट को ऐसा नहीं करना चाहिए।”
इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ”हमें मत बताइए क्या करना है और क्या कहना है? हमें पता है क्या सही है और क्या नहीं है। आपने संपत्तियों की जो लिस्ट दी है वे पहले से ही अटैच हैं। आप सहयोग नहीं कर रहे और हमसे कह रहे हैं किे हम निष्पक्ष नहीं हैं। बेहतर होगा आप जेल चले जाइए।” इससे पहले कि रॉय का प्रतिनिधित्व कर रहे अन्य वकील दखल दे पाते या चीफ जस्टिस को शांत कर पाते बैंच ने आदेश सुना दिया कि कोर्ट द्वारा दिया गया अंतरिम आदेश टर्मिनेट रहेगा और अवमानना करने वालों को तुरंत कस्टडी में लिया जाए।
इस खबर का दूसरा हिस्सा यहां पढ़ें:
राजीव धवन से गुस्सा होकर जज ने सुना दिया सुब्रत रॉय को जेल भेजने का ऑर्डर, तो खराब तबीयत के बावजूद भागे आए कपिल सिब्बल
