भाजपा के वरिष्‍ठ नेता सुब्रमण्‍यम स्‍वामी ने पाकिस्‍तान को घुटनों पर लाने के लिए अलग रणनीति बनाई है। उन्‍होंने सोशल मीडिया पर तीन चरणों में पलटवार करने का सुझाव दिया है। ट्विटर पर स्‍वामी ने सोमवार को लिखा, ”आइए पाकिस्‍तान के खिलाफ चरणबद्ध तरीके से पलटवार किया जाए। 1. तृतीय सचिव तक पाक दूतावास के स्‍टाफ को निकाल दिया जाए, 2. पाकिस्‍तान का ‘मोस्‍ट फेवर्ड नेशन’ का दर्जा खत्‍म किया जाए, 3. सिंधु नदी संधि खत्‍म की जाए।” स्‍वामी ने 26/11 आतंकी हमले की जांच के लिए अलग आयोग बनाने की मांग की है। उन्‍होंने लिखा, ”हमारी सरकार को पाकिस्‍तान के साथ 26/11 की साजिश की जांच के लिए आयोग बनाना चाहिए। इसके अलावा कांग्रेसी इटैलियन नेताओं द्वारा सियाचिन को बेचे जाने की कोशिश की भी जांच होनी चाहिए। स्‍वामी ने संयुक्‍त राष्‍ट्र आम सभा में विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज के भाषण में भी कड़े प्रहार की उम्‍मीद जताई। उन्‍होंने ट्वीट किया, ”मैं आज संयुक्‍त राष्‍ट्र में सुषमा से अच्‍छे भाषण की अपेक्षा कर रहा हूं। कई अच्‍छे संकेत दिए जाएंगे।” इसके बाद स्‍वामी ने बाकायदा ट्वीट कर अपने फॉलोवर्स से पूछा कि ‘पाकिस्‍तान के लिए झटका या हलाल में से कौन स तरीका अपनाया जाए?’

सुब्रमण्‍यम स्‍वामी ने पूर्व गृह मंत्री पी चिदम्‍बरम पर भी निशाना साधा। उन्‍होंने ट्वीट कर पूछा- ”क्‍या पी चिदम्‍बरम गृह मंत्रालय की स्‍टैंडिंग कमेटी के प्रमुख बने रहे सकते हैं, वह भी तब जब मंत्रालय ने इशरत जहां केस की फाइलों से छेड़छाड़ पर एफआईआर दर्ज करा दी है?” गृह मंत्रालय में कार्यरत अवर सचिव ने संसद मार्ग पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 409 (लोक सेवक द्वारा विश्वास का आपराधिक हनन) के तहत प्राथमिकी दर्ज करवाई है। इसमें पुलिस से इस बात की जांच करने को कहा गया है कि क्यों, कैसे और किन परिस्थितियों में मामले से संबंधित पांच दस्तावेज गायब हो गए। इस कदम से पहले अतिरिक्त सचिव की अध्यक्षता वाली जांच समिति ने अपना निष्कर्ष दिया था कि सितंबर 2009 में दस्तावेजों को जानबूझ कर या अनजाने में हटा दिया गया अथवा वे गायब हो गए। उस अवधि में पी चिदंबरम गृह मंत्री थे।

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