प्रसिद्ध पर्यटन स्थल डलहौजी का नाम बदलने की मांग एक बार फिर उठने लगी है। भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी इस मांग के समर्थन में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को पत्र लिखा है। स्वामी ने मांग किया है कि इस पहाड़ी शहर का नाम स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर रखा जाए।

सुब्रमण्यम स्वामी ने राज्यपाल को लिखे अपने पत्र में कहा है कि मेरे सहयोगी पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के सिनियर एडवोकेट अजय जग्गा की पुरानी मांग पर विचार करते हुए इस शहर का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर कर दिया जाए। स्वामी ने आगे लिखा है कि साल 1992 में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार के द्वारा इसे लेकर एक नोटिफिकेशन भी जारी किया गया था। लेकिन बाद में वीरभद्र सिंह की तरफ से उस नोटिफिकेशन को रद्द कर आदेश को पलट दिया गया था।

उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि नाम परिवर्तन को लेकर अजय जग्गा के पत्र में विस्तार से बताया गया है। स्वामी ने राज्यपाल से निवेदन किया है कि नाम परिवर्तन को लेकर वो वर्तमान मुख्यमंत्री को आदेश जारी करें और साल 1992 के नोटिफिकेशन को लागू किया जाए।

बताते चलें कि डलहौजी के स्थानीय व्यवसायियों का मानना रहा है कि इस शहर का नाम गवर्नर डलहौजी के नाम पर रहने के कारण बहुत से विदेशी पर्यटक यहां पहुंचते हैं। जिससे क्षेत्र में पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा मिलता है।

वहीं कुछ अन्य लोगों का मानना है कि नाम बदलने से पर्यटन व्यवसाय में तेजी आ सकती है। क्योंकि इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने के बाद पर्यटकों की संख्या में अपक्षाकृत बढ़ोतरी देखने को मिली है। बताते चलें कि हिमाचल प्रदेश में अभी भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। गौरतलब है  कि 1937 में सुभाष चंद्र बोस डलहौजी स्वास्थ्य लाभ करने के लिए आए थे। 1873 में रविंद्र नाथ टैगोर भी डलहौजी आए थे।