अपने बयानों से विरोधियों और कई बार अपनी ही पार्टी के नेताओं को परेशानी में डालने वाले सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार फिर से अपनी ही सरकार के लोगों पर निशाना साधा है। समाचार एजंसी एएनआई के मुताबिक सुब्रमण्यम स्वामी ने केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले का तो समर्थन किया है लेकिन उन्होंने इस फैसले के बाद देश में फैली अव्यवस्था से लोगों को हुई परेशानी के लिए अपनी ही सरकार की आलोचना की है।
स्वामी ने वित्त मंत्री अरूण जेटली और आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास को देश में फैली अव्यवस्था को संभालने के बजाए बेकार बैठे रहने का आरोप लगाया है। स्वामी ने कहा कि नोटबंदी के बाद फैली अव्यवस्था को देखकर ऐसा लग रहा है कि इस फैसले के लिए वित्त मंत्री ने कोई तैयरी ही नहीं की थी।
स्वामी ने आगे कहा कि उन्होंने अरविंद सुब्रमण्यम और शक्तिकांत दास को बाहर करने की बात की लेकिन अरूण जेटली उन्हीं के बचाव में आ गए। स्वामी ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि इस फैसले से लोगों को हुई परेशानियों के लिए किसी को जिम्मेदारी लेनी होगी।
स्वामी ने नोटबंदी के फैसले का समर्थन किया लेकिन यह भी कहा कि लोगों की परेशानियां बढ़ी हैं और यह बहुत दर्दनाक स्थिति है। वहीं नोटबंदी से देशभर में बने इन हालात पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार को बीते शुक्रवार को चेताया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर सरकार ने जल्द ही कुछ नहीं किया तो पैसे की कमी के चलते स्थिति बहुत बिगड़ सकती है जिससे देश में दंगे के हालात भी पैदा हो सकते हैं।
कोर्ट ने आगे कहा कि लोग परेशान हैं और उसके पास कोर्ट जाने का अधिकार है। जस्टिस टी.एस. ठाकुर और जस्टिस ए.के. दवे की बेंच ने यह राय दी थी। वहीं इसके जवाब में एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहातगी ने कहा कि पैसे की कोई कमी नहीं है क्योंकि 100 रुपये के नोट अभी करेंसी में है और देशभर में एटीएम मशीनों को नए नोटों को देने के लिए तैयार किया जा रहा है।

