कोरोना वायरस का खतरा अभी दुनिया भर में बना हुआ है। हालांकि दुनिया के तमाम देशों में बढ़ रहे इस वायरस की रफ्तार भारत में कम देखी जा रही है। नये रुझानों में पता चला है कि भारत में इससे संक्रमित होने वाले मरीजों की अस्पताल में भर्ती होने की दर काफी कम है। नये मरीजों में रिकवरी भी तेजी से हो रही है। वहीं एक ताजा अध्ययन से पता चला है कि टीकाकरण वाले लोगों में बूस्टर डोज की अपेक्षा ओमिक्रोन वायरस से बेहतर इम्युनिटी विकसित हो रही है।

नये अध्ययन में पता चला है कि जिन लोगों को टीका लगाया जाता है और फिर अगर वो ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित हो जाते हैं तो उनमें कोविड वेरिएंट से निपटने के लिए बेहतर एंटीबॉडी पाए जाते हैं। ऐसे में भले कोरोना मामलों में वृद्धि देखने को मिल रही हो लेकिन वैक्सीन निर्माता बायोएनटेक एसई और वाशिंगटन विश्वविद्यालय द्वारा किये गये अध्ययन के मुताबिक खतरे की संभावना कम लगती है।

यह अध्ययन बायोरेक्सिव सर्वर पर प्रीप्रिंट में प्रकाशित किया गया है। हालांकि अध्ययन के लेखकों ने लोगों को चेतावनी दी है कि उन्हें अध्ययन के नतीजों के चलते वायरस की खोज नहीं करनी चाहिए।

पेन्सिल्वेनिया यूनिवर्सिटी में इम्यूनोलॉजी संस्थान के निदेशक और प्रोफेसर जॉन व्हैरी ने कहा है कि अगर कोई हाल ही में कोरोना वायरस से संक्रमित हुआ है तो वह बूस्टर डोज के लिए इंतजार कर सकता है। हालांकि यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन के प्रमुख वैज्ञानिक एलेक्जैंडर वॉल्स ने आगाह करते हुए कहा है कि इसका यह कतई मतलब नहीं है कि अगर यह वायरस बूस्टर डोज के मुकाबले अधिक प्रभावी है तो लोग कोरोना से जानबूझकर खुद को संक्रमित करवाने लगें। लोगों के लिए यह खतरनाक हो सकता है।

भारत में कोरोना के मामलों पर गौर करें तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटों में देशभर में 2,202 नए कोविड मामले सामने आए हैं। वहीं 2,550 मरीजों की रिकवरी और 27 लोगों की मौत हुई है। अभी फिलहाल देश में कुल सक्रिय मामलों की संख्या 17,317 है। इस बीच साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 0.59% है।