Deeksha Teri

इंजीनियरिंग (Engineering) देश का एकमात्र ग्रेजुएशन कार्यक्रम है जिसने पिछले पांच वर्षों में छात्र के नामांकन में गिरावट दर्ज की है। भले ही ग्रेजुएशन स्तर पर कुल छात्रों के प्रवेश संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन इंजीनियरिंग के नामांकन में गिरावट आई है। उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (AISHE) को रविवार रात शिक्षा मंत्रालय ने जारी किया।

इंजीनियरिंग में छात्रों की संख्या में कमी

AISHE की रिपोर्ट के अनुसार नियमित (या पूर्णकालिक) मोड में बी.टेक और बीई कार्यक्रमों (B.Tech and BE programmes) में नामांकन 2016-17 में 40.85 लाख से 10% कम होकर 2020-21 में 36.63 लाख हो गया है। हालांकि डेटा वर्ष 2019-20 और 2020-21 के बीच इंजीनियरिंग कार्यक्रमों के लिए नामांकन संख्या में 20,000 की मामूली वृद्धि दिखाता है। लेकिन यह पिछले पांच वर्षों में सबसे कम है।”

पांच साल पहले इंजीनियरिंग में छात्रों का नामांकन काफी अधिक था। यह अन्य कोर्सेस की तुलना में तीसरे नंबर पर था। इसमें बैचलर ऑफ आर्ट्स या बीए (Bachelor of Arts or BA) पहले स्थान पर था, इसके बाद बैचलर ऑफ साइंस या बीएससी दूसरे स्थान पर था। पिछले पांच वर्षों में प्रवेश में गिरावट को देखते हुए बीटेक और बीई कार्यक्रम चौथे स्थान पर खिसक गए हैं। अब बैचलर ऑफ कॉमर्स या बी.कॉम (37.9 लाख छात्रों के साथ) की देश में तीसरी सबसे बड़ा नामांकन संख्या है।

2020-21 में आर्ट्स या बीए में नामांकन ग्रेजुएशन स्तर पर कुल नामांकन का 33.5% है। इसके बाद विज्ञान या बीएससी का 15.5% है। इसके बाद वाणिज्य में 13.9% है। फिर ग्रेजुएशन स्तर पर इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में छात्रों का नामांकन प्रतिशत 11.9% है। इसी तरह की गिरावट MTech (मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी) प्रोग्राम में भी देखी गई है, जहां छात्रों की संख्या 2016-17 में 1.6 लाख से घटकर 2020-21 में 1.38 लाख हो गई है।

इस बीच अन्य प्रमुख ग्रेजुएशन कार्यक्रमों में छात्र नामांकन में वृद्धि देखी गई है। बीए, बीएससी और बीकॉम जैसे कार्यक्रमों में पिछले पांच वर्षों में नामांकन में बड़ी वृद्धि देखी गई है। बीए में छात्रों का नामांकन 2016-17 में 80 लाख से बढ़कर 2020-21 में 85 लाख हो गया जबकि बीएससी में 44 लाख से बढ़कर 47 लाख हो गया और बीकॉम में 2016 में 34 लाख से बढ़कर 2020 में 37 लाख हो गया।