हैदराबाद के ओल्ड सिटी के रहने वाले सत्तार खान के पास लगभग सभी जरूरी दस्तावेज मौजूद है, लेकिन फिर भी उन्हें उनकी नागरिकता साबित करना पड़ रहा है।
वह हैदराबाद के उन 127 लोगों में से हैं जिन्हें UIDAI की तरफ से नोटिस जारी किया गया है कि वह अपनी नागरिकता साबित करें। राहत की बात ये हैं कि आधार एजेंसी ने डेडलाइन बढ़ा दी है औरअब सत्तार के पास मई तक समय है। हालांकि का सत्तार खान के पास अधिकांश पहचान पत्र मौजूद हैं। आधार कार्ड, एक पासपोर्ट, एक पुराना आईडी कार्ड और एक नया कार्ड बनाया।
निकाहनामे जैसे दस्तावेज उनके पास मौजूद हैं। उन्होंने अपने माता-पिता के कुछ पहचान दस्तावेजों को दिखाया। उनका कहना है कि वह साबित कर देंगे कि वह और उनका परिवार हमेशा भारत नागरिक रहे हैं।
स्क्रॉल.इन के मुताबिक सत्तार खान कहते हैं कि “मैं 2002 से हैदराबाद के ओल्ड सिटी में रह रहा हूं। हालांकि मेरा जन्म मुख्य शहर में हुआ था और मेरा पालन पोषण भी वहीं हुआ।मेरे सभी पुराने पड़ोसी आपको बताएंगे। मेरे माता-पिता मरने से पहले वर्षों तक सरकारी पेंशन लेते थे। बताइए अब ऐसा केसै हो सकता है कि मैं भारतीय नागरिक नहीं हो सकता हूं?
जनवरी 2018 में, हैदराबाद के ओल्ड सिटी के सभी निवासियों सत्तार खान, इस्माइल खान और मोहम्मद ज़कर को स्थानीय पुलिस ने म्यांमार के तीन रोहिंग्या शरणार्थियों को आधार नंबर, वोटर आईडी कार्ड और यहां तक कि झूठे दस्तावेजों के माध्यम से पासपोर्ट दिलाने में मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
सत्तार खान के वकील के मुताबिक इन 127 लोगों में से कम से कम 23 रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थी हैं, जो वर्तमान में तेलंगाना पुलिस द्वारा कैद हैं। वहीं, पुलिस ने दो साल पहले अपने रिकॉर्ड में सत्तार खान समते दो अन्य लोगों को भारतीय बताया था।