बिहार के शिवहर से बीजेपी सांसद रमा देवी सुर्खियों में हैं। गुरुवार (25 जुलाई) को सपा सांसद आजम खान ने उन पर अमर्यादित टिप्पणी की थी। विपक्षी नेताओं के तीखे हमलों के बाद आजम ने सोमवार को आखिरकार माफी मांग ली।

आजम खान ने संसद में कहा, ‘मेरी ऐसी कोई भावना चेयर के प्रति नहीं थी, ना हो सकती है। मेरे भाषण और आचरण को सारा सदन जानता है, इसके बावजूद भी चेयर को ऐसा लगता है कि मेरे से कोई गलती हुई है, तो मैं उसकी क्षमा चाहता हूं।’ बता दें कि आजम ने यह टिप्पणी उस वक्त की थी, जब रमा देवी लोकसभा स्पीकर के आसन पर बैठी थीं और सदन की कार्यवाही का संचालन कर रही थीं। 71 वर्षीय रमा देवी पर टिप्पणी से नाराज बीजेपी सांसदों के साथ-साथ रमा देवी ने भी आजम खान की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी।

रमा देवी लंबे समय से लोकसभा सांसद हैं। शिवहर से उन्होंने तीसरी बार बीजेपी के टिकट पर जीत की हैट्रिक लगाई है। यहां से वो साल 2009 से लगातार सांसद चुनी जा रही हैं। इससे पहले उन्होंने 1998 में बिहार के मोतिहारी सीट से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ा था और बीजेपी के राधा मोहन सिंह को हराते हुए पहली बार संसद पहुंची थीं। रमा को तब उनके पति और बिहार सरकार में मंत्री रहे बृज बिहारी प्रसाद की हत्या के बाद राजनीतिक विरासत संभालनी पड़ी थी। उनके पति दबंग और बाहुबली नेता माने जाते थे।

1999 का लोकसभा चुनाव हारने के बाद रमा देवी ने साल 2000 में बिहार विधान सभा का चुनाव लड़ा और पहली बार विधायक बनीं। इसके बाद वो राबड़ी मंत्रिमंडल में लोक निर्माण मंत्री बनाई गईं। 2009 में उन्होंने सियासी रुख को देखते हुए राजद छोड़ दिया और बीजेपी में शामिल हो गईं। उसी साल लोकसभा चुनाव में उन्होंने राजद के सीताराम सिंह को शिवहर सीट से हराकर दूसरी बार संसद पहुंचीं। 2019 में रमा ने तीन लाख से ज्यादा मतों से जीत दर्ज की है।

रमा देवी के पति पूर्व मंत्री बृजबिहारी प्रसाद की हत्या पटना के बड़े अस्पताल आईजीआईएमएस में भारी सुरक्षा के बीच अपराधियों ने दिनजहाड़े गोलियों से भूनकर कर दी थी। वह तारीख थी 13 जून 1998, जब मेधा घोटाले में फंसे पूर्व मंत्री बृजबिहारी अस्पताल में इलाज करवा रहे थे। बृजबिहारी ने बाकायदे भारी सुरक्षा का इंतजाम वहां करवा रखा था। बावजूद इसके अपराधी अपने मंसूबे में कामयाब रहे थे। इस हत्याकांड की सीबीआई से जांच करवाई गई थी। हत्या का आरोप दूसरे बाहुबली छोटन शुक्ला पर लगा था लेकिन सबूतों के अभाव में वो बरी हो गया।

दरअसल, बृजबिहारी प्रसाद न केवल पिछड़े, दलितों के बीच बड़े जनाधार वाले नेता थे बल्कि उनकी छवि उनके बीच रॉबिनहुड वाली थी। मुजफ्फरपुर और उसके आसपास के इलाकों में उनकी तूती बोलती थी। गंगा पार कर हाजीपुर से लेकर मोतिहारी तक बृजबिहारी ने राजद का मजबूत आधार बनाया था। इसीलिए वो लालू यादव के पसंदीदों में एक थे। उनकी एंट्री एक अण्णे मार्ग तक बिना रोक-टोक थी।

दो साल पहले 2017 में बिहार बीजेपी के बड़े नेता और मौजूदा उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने लालू परिवार से रमा देवी के करीबी रिश्तों का खुलासा करते हुए आरोप लगाया था कि 23 मार्च 1992 को रमा देवी ने लालू यादव के दोनों बेटों के नाम 13 एकड़ जमीन गिफ्ट की थी। यह जमीन मुजफ्फरपुर के किशनगंज मौजा में है। रमा देवी ने भी इसे स्वीकार किया था कि अपने पति के कहने पर उन्होंने यह उपहार दिया था।

रमा देवी भी दबंग छवि की नेता हैं। उनके चुनावी हलफनामे के मुताबिक उन पर आधा दर्जन मुकदमे चल रहे हैं, जिन पर अदालत संज्ञान ले चुकी है। पिछले लोकसभा चुनाव में भी रमा तब चर्चा में थीं, जब उनके दफ्तर से चुनाव से ठीक एक दिन पहले 4 लाख 11 हजार रूपये बरामद हुए थे। चुनावी हलफनामे के मुताबिक वो करीब 30 करोड़ रुपये की संपत्ति की मालकिन हैं। रमा देवी की योग्यता एलएलबी है। पिछले लोकसभा के कार्यकाल के दौरान रमा देवी ने कुल 134 बहसों में हिस्सा लिया था और कुल 552 सवाल पूछे थे। उन्होंने सात प्राइवेट मेंबर बिल भी सदन में पेश किया था।