बजट सत्र का दूसरा दौर सोमवार से शुरू हो रहा है। पहले ही दिन उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन पर जोरदार बहस के आसार लग रहे हैं। सत्र की कार्यवाही शांतिपूर्ण ढंग से चलाने के लिए लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन की ओर से रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। बैठक में कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने तीखे तेवर दिखाकर साफ कर दिया कि सरकार के लिए राह आसान नहीं है। कांग्रेस ने तो इस मामले में संसद के दोनों सदनों में कार्य स्थगन प्रस्ताव का नोटिस भी दिया है। बैठक में विपक्ष ने सूखा, दाल की बढ़ती कीमत, उद्योगपति विजय माल्या के विदेश भागने के मुद्दे पर चर्चा की मांग की।
दूसरी ओर सरकार ने विपक्ष के हमले की काट के लिए इशरत जहां मामले में यूपीए सरकार के कार्यकाल में दाखिल हुए हलफनामे में हुए बदलाव का मुद्दा उठाने की तैयारी की है। सत्र के दूसरे हिस्से में सरकार शत्रु संपत्ति अध्यादेश, इनसॉल्वेंसी एवं बैंकरप्सी कोड और कंपनी संशोधन बिल को कानूनी जामा पहनाना चाहेगी।
सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन का मुद्दा हमारे एजेंडे पर है। खड़गे ने कहा कि केंद्र ने ऐसा कर लोकतंत्र की हत्या की है। इस कारण उसे हाईकोर्ट की फटकार झेलनी पड़ी है। उन्होंने संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे पर कार्य स्थगन प्रस्ताव का नोटिस देने की बात कही। हालांकि, स्पीकर महाजन ने कार्य स्थगन प्रस्ताव का नोटिस स्वीकार नहीं करने का संकेत दिया। उन्होंने कहा कि बैठक में यह मुद्दा उठा है, मगर सबको पता है कि मामला अदालत के विचाराधीन है।