रायपुर/बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में नसबंदी के बाद तबीयत बिगड़ने से हुई मौतों का सिलसिला जारी है। इस घटना में अब मृतकों की संख्या 11 हो गई है। वहीं घटना के बाद राज्य शासन ने संचालक स्वास्थ्य सेवाओं को हटा दिया है।

राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि बिलासपुर जिले में नसबंदी के बाद तबीयत बिगड़ने से अभी तक 11 महिलाओं की मौत हुई है। आज शाम तीन अन्य महिलाओं ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

अधिकारियों ने बताया कि जिले के विभिन्न अस्पतालों में अभी 60 महिलाओं को भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि घटना के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद राज्य शासन ने संचालक स्वास्थ्य सेवाओं डॉक्टर कमलप्रीत को हटा दिया है तथा इस मामले में लापरवाही बरतने के कारण स्वास्थ्य विभाग के चार अधिकारियों परिवार कल्याण कार्यक्रम के राज्य समन्वयक डॉक्टर के. सी. ओराम, बिलासपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एस. सी. भांगे, तखतपुर के खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर प्रमोद तिवारी और एक सरकारी सर्जन डॉक्टर आर. के. गुप्ता को निलंबित कर दिया है।

राज्य शासन को जानकारी मिली है कि ऑपरेशन डॉक्टर गुप्ता ने किया था। वहीं चिकित्सक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के भी निर्देश दिए गए हैं।
बिलासपुर जिले के कलेक्टर सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने बताया कि जिले के सकरी (पेंडारी) गांव में शनिवार को एक निजी अस्पताल में शासकीय परिवार कल्याण स्वास्थ्य शिविर में 83 महिलाओं का ऑपरेशन किया गया था। बाद में महिलाओं ने उल्टी और सिरदर्द की शिकायत की तब उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। अभी तक इस घटना में 11 महिलाओं की मौत हो गई है। राज्य शासन ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए तथा बीमार महिलाओं को 50-50 हजार रुपए सहायता देने का फैसला किया है।

इधर, इस घटना के बाद राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने मुख्यमंत्री रमन सिंह तथा स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल के इस्तीफे की मांग की है। कांग्रेस ने घटना के विरोध बुधवार को छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया है।