मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज ने कैंपस में रिप्ड जींस (Ripped Jeans) पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया है। कॉलेज प्रशासन का मानना है कि रिप्ड जींस गरीबों का मजाक है। बैन पर कॉलेज प्रिंसिपल ने कहा कि गरीब लोग फटे हुए कपड़े पहनते हैं क्योंकि उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। इसे फैशन स्टेटमेंट नहीं बनाया जा सकता । हालांकि स्टूडेंट्स और यंगस्टर्स बीच रिप्ड जींस खासा फैशन में है। सेंट जेवियर्स मुंबई कोई पहला कॉलेज नहीं है, जहां इस तरह की रोक लगाई गई हो, देश में कई ऐसे कॉलेज है, जिनमें कपड़ों को लेकर सख्त कानून बनाए गए हैं। स्कूल खत्म करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट्स के दिल में कपड़ों को लेकर कई इच्छाएं होती हैं। वह सोचते हैं कि कॉलेज में वे इस तरह के कपड़े पहनेंगे। लेकिन, कॉलेज प्रशासन की ओर से लिए गए फैसले से विवाद के साथ-साथ स्टूडेंट्स की कपड़े पहनने की आजादी पर भी प्रतिबंध लग गया है। सेंट जेवियर्स की तरह देश में कुछ और कॉलेज भी जहां पर कपड़ों को लेकर कठोर नियम बनाए गए हैं।

1)- सेंट जेवियर्स, मुंबई: सेंट जेवियर्स मुंबई की ओर से सेंट जेवियर्स कॉलेज में फटी जींस पर रोक कैंपस में पहले ही ड्रेस कोड लागू है। बिना बाजू का टॉप और शॉर्ट्स कैंपस में पहनना मना है।

2)- कृष्णा मेनन कॉलेज, भांदुप: इस कॉलेज में लड़कियों के शरीर से चिपकी हुई जींस (‘figure hugging’ jeans) पहनने पर रोक। यह रोक साल 2010 से हैं।

3)- नालंदा कॉलेज ऑफ लॉ, बोरीवली: कुछ साल पहले कॉलेज प्रशासन की ओर से ड्रेस कोड को लेकर कुछ नियम बनाए गए थे। जिसमें कहा गया था कि लड़कियां की स्लीव्स चार इंच के कम नहीं होनी चाहिए। टॉप कमर से कम से कम 7 इंच नीचे होनी चाहिए।

4)- त्रिवेंद्रम मेडिकल कॉलेज, केरल: यहां स्टूडेंट्स के लैग्गिंस, जींस और शॉर्ट टॉप्स पर बैन लगाया गया है। साथ ही कॉलेज प्रशासन की ओर से लड़कियों को चूड़ीदार और साड़ी पहनने की सलाह भी दी गई थी।

5)- सेंट जेवियर्स, कोलकाता: सेंट जेवियर्स कोलकाता ने स्टूडेंट्स के राउंड नेक टी-शर्ट पहनने से लेकर एंकल तक दिखने वाले सभी कपड़ों पर बैन लगाया है। कॉलेज की ओर से ग्रेफिटी टी-शर्ट्स पर भी बैन लगाया है।