Srisailam Left Bank Canal Tunnel Collapse: तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में Srisailam Left Bank Canal (SLBC) (SLBC) सुरंग में फंसे 8 लोगों को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है। ये लोग शनिवार सुबह से ही सुरंग में फंसे हुए हैं। सुरंग के ढहने के बाद से ही लगातार बचाव कार्य चल रहा है। हादसे के बाद से अभी तक सुरंग में फंसे हुए लोगों से कोई संपर्क नहीं हो सका है। ऐसे में इन सभी लोगों को लेकर चिंता बढ़ गई है। सुरंग हादसे को लेकर तेलंगाना में विपक्ष भी राज्य सरकार पर हमलावर हो गया है।

इस तरह के सवाल लगातार उठ रहे हैं कि इतना बड़ा हादसा कैसे हुआ?

SLBC सुरंग कितनी मजबूत है, इसकी जांच करने वाले दस इंजीनियरिंग एक्सपर्ट्स ने पता लगाया है कि अचानक हुए भूस्खलन (मिट्टी गिरना) से छत ढह गई और इस वजह से आठ लोग फंस गए।

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पानी के रिसाव के कारण हुआ भूस्खलन

एक एक्सपर्ट ने The Indian Express को बताया कि भूस्खलन पानी के रिसाव के कारण हुआ। उन्होंने बताया, ‘पहाड़ियों से सुरंग के अंदर पानी का रिसाव हो रहा था। इससे मिट्टी की पकड़ कमजोर हो गई और भूस्खलन हुआ, जिससे यह दुर्घटना हुई।’ हालांकि सुरंग को बनाने में भूस्खलन की घटना आमतौर पर नहीं होती।

 तेलंगाना में बचावकर्मियों के सामने संकट, पानी और कीचड़ के कारण सुरंग में फंसे हुए लोगों तक पहुंचना हुआ मुश्किल

एक्सपर्ट ने बताया, ‘इस मामले में सुरंग ऐसी जगह खोदी जा रही थी, जो भूस्खलन के लिहाज से संवेदनशील थी और ड्रिलिंग के कारण भूस्खलन हुआ।’ उन्होंने बताया कि इस तरह की सुरंग में भूस्खलन का खतरा बना रहता है क्योंकि यह पानी ले जाने वाली सुरंग है। यह सुरंग कृष्णा नदी से नलगोंडा तक पानी पहुंचाने का काम करती है।

SDRF, NDRF ने बचाव अभियान रोका

मंगलवार को SDRF, NDRF और सेना की टीमों ने सुरंग में फंसे हुए लोगों के लिए बचाव अभियान रोक दिया क्योंकि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि आगे भी भूस्खलन हो सकता है। एक्सपर्ट ने कहा, ‘यह अनुमान लगाना बहुत मुश्किल है कि जब बचाव दल मलबा हटाने की कोशिश करेगा, तब भूस्खलन होगा या नहीं। इसलिए हमने कुछ समय के लिए बचाव के काम को रोकने का फैसला किया।’

इससे पहले बचाव कार्य में जुटे अधिकारियों ने बताया था कि सुरंग में प्राकृतिक चट्टानों के कमजोर होने से अचानक पानी और कीचड़ भरने लगा और सुरंग का लगभग 12-13 फीट हिस्सा इससे भर गया।

यह प्राकृतिक आपदा- सिंचाई मंत्री

तेलंगाना के सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी का कहना है कि दुर्घटना को रोका नहीं जा सकता था क्योंकि यह इंसानों की गलती से नहीं हुई। उन्होंने विशेषज्ञों की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यह एक प्राकृतिक आपदा थी, जिससे यह हादसा हुआ। उन्होंने कहा कि बचाव दल अभी स्टैंडबाय मोड पर है क्योंकि हम और अधिक लोगों की जान जोखिम में नहीं डाल सकते।

बीआरएस ने लगाया सरकार पर आरोप

सुरंग हादसे को लेकर तेलंगाना में राजनीतिक घमासान भी शुरू हो गया है। विपक्षी दल भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने सरकार पर जोखिम के बावजूद सुरंग निर्माण की अनुमति देने का आरोप लगाया है। इसके जवाब में रेड्डी ने कहा, ‘जो कंपनियां सुरंग निर्माण के काम में शामिल हैं, वे काफी अनुभवी हैं। इनमें से एक कंपनी को दुनिया भर में 3,000 किलोमीटर सुरंग बनाने का अनुभव है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसा नहीं मानती कि उनकी लापरवाही के कारण सुरंग ढह गई और यह घटना हुई।

रेड्डी ने विपक्ष से अपील की है कि जब लोगों की जिंदगी दांव पर लगी हो, तब इस मुद्दे पर ओछी राजनीति न करें।

सुरंग में फंसे हुए हैं ये लोग

अंदर जो लोग फंसे हुए हैं उनमें गुरहा मनहासन, जम्मू-कश्मीर के सनी सिंह, तरन तारन, पंजाब के गुरप्रीत सिंह- दोनों ही अमेरिकी टनलिंग कंपनी द रॉबिंस कंपनी के इंजीनियर हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मनोज कुमार और श्री निवास- जयप्रकाश एसोसिएट्स के इंजीनियर हैं। झारखंड के निर्माण मजदूर संदीप साहू, जगता जेस, संतोष साहू और अनुज साहू भी अंदर मुश्किल हालात में फंसे हुए हैं।

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