Chandrayaan 1 मिशन के डायरेक्टर श्रीनिवास हेगड़े का 71 साल की उम्र में निधन हो गया है। पिछले कई सालों से हेगड़े बीमार चल रहे थे, उन्हें किडनी की गंभीर बीमारी चल रही थी। अब 71 साल की उम्र में शुक्रवार को उन्होंने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। भारत के विज्ञान जगत के लिए यह एक बड़ी क्षति है।
जानकारी के लिए बता दें कि हेगड़े ने 1978 से 2014 तक इसरो में काम किया था। इसके अलावा यूआर राव सैटेलाइट सेंटर (URSC) के सदस्य रहते वक्त तो कई अंतरिक्ष मिशन में उन्होंने अपनी सक्रिय भूमिका निभाई थी। श्रीनिवासूर हेगड़े के निधन पर पूर्व वैज्ञानिक और URSC के निदेशक एम अन्नादुरई ने अपना दुख जाहिर किया है। उन्होंने कहा है कि जब 1982 में उन्होंने इसरो ज्वाइन किया था, हेगड़े उनके बॉस थे, उनकी तरफ से कई अहम मिशन में बड़ी मदद की गई।
वैसे जिस चंद्रयान मिशन 1 की वजह से हेगड़े सबसे ज्यादा चर्चा में आए, वो काफी सफल रहा था। भारत ने इस मिशन के जरिए चांद पर पानी की खोज की थी। इसके बाद चंद्रयान 2 और चंद्रयान 3 भी लॉन्च किया गया। चंद्रयान 3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रच दिया था।
बड़ी बात यह है कि रिटायरमेंट के बाद भी हेगड़े काफी सक्रिय रहे थे, उन्होंने बेंगलुरु के एक स्टार्ट अप के साथ काम किया था। पूरी जिंदगी वे एक्सपेरिमेंट करते रहे, उनके विचार हमेशा विज्ञान को आगे बढ़ाने वाले रहे। इसी वजह से अपनी जिंदगी के अंतिम दिनों में भी विज्ञान को लेकर उनका लगाव कम नहीं हुआ और अब जब वे इस दुनिया में नहीं है, हर कोई उनकी सफलताओं को, उनकी मेहनत को याद कर रहा है, उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दे रहा है।