कुछ महीने पहले कर्नाटक में हिजाब पहनने को लेकर काफी हंगामा हुआ था। कुछ संगठनों का कहना था कि स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इसी तरह का नया विवाद अब जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में शुरू हो गया। यहां के रेनावारी स्थित विश्व भारती हायर सेकेंडरी स्कूल की छात्राओं ने आरोप लगाया है कि उन्हें ‘अबाया’ पहनकर परिसर में आने से रोका जा रहा है। छात्राओं ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर नाराजगी जताई।
छात्राओं का कहना है कि स्कूल पहुंचने पर उन्हें रोक लिया गया और “अबाया पहनने पर मदरसा जाने को कहा गया।” छात्राओं ने यह भी आरोप लगाया कि स्कूल प्रशासन ने उनसे कहा है कि “अबाया पहनकर वे लोग स्कूल के वातावरण को खराब कर रहे हैं।” अबाया एक ऐसा पोशाक है जो मुस्लिम महिलाएं पहनती हैं और यह सिर से पांव तक को ढंके रखने वाले बुरके की तरह का होता है।
नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक ने कहा कि मुस्लिम बहुल जम्मू-कश्मीर में इस तरह की घटनाएं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। सादिक ने एक ट्वीट में कहा, “हिजाब पहनना व्यक्तिगत पसंद होना चाहिए और धार्मिक पोशाक के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। मुस्लिम बहुल जम्मू-कश्मीर में ऐसी घटनाएं देखना दुर्भाग्यपूर्ण है।”
हालांकि छात्राओं के आरोपों का खंडन करते हुए स्कूल के प्रिंसिपल मेमरोज शैफी ने कहा छात्राओं को अबाया पहनने पर रोक नहीं लगाई गई है। उनसे कहा गया है कि वे घर से स्कूल तक अबाया पहनकर आ सकती हैं, लेकिन उन्हें परिसर के अंदर इसे उतार देना चाहिए।
उन्होंने कहा, “हमने उनसे कहा है कि वे लंबा सफेद रंग का हिजाब या लंबा दुपट्टा पहन सकती हैं। ये स्कूल के यूनीफॉर्म का हिस्सा है। लेकिन वे रंगीन और कई तरह के डिजाइनदार अबाया पहन कर आती हैं, जो यूनीफॉर्म का हिस्सा नहीं है।” प्रिंसिपल ने कहा कि छात्रों को स्कूल में मर्यादा बनाए रखने के लिए एक निर्धारित ड्रेस कोड का पालन करना चाहिए।
नेशनल कांफ्रेंस के मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी स्कूल के निर्देश का कड़ा विरोध करती है और प्रशासन से तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई करने का आग्रह करती है।