आर्ट ऑफ लिविंग के श्री श्री रविशंकर का कहना है कि वे जेल जाने को तैयार है लेकिन जुर्माना नहीं भरेंगे। अंग्रेजी न्‍यूज चैनल एनडीटीवी से बातचीत में उन्‍होंने कहा कि भारत में अगर कोई नियमों का पालन करता है तो भी उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है।  वे इस बयान पर चुनौती का सामना करने को तैयार हैं। हमारे पास सभी स्‍टेज की तस्‍वीरें हैं। हम कोर्ट में इन्‍हें पेश करेंगे। पांच साल पहले इसी तरह का कार्यक्रम जर्मनी में भी किया था। वे इस बात से खुश हैं कि यमुना नदी का किनारा अब पहले से काफी बदल गया है।

वहीं एनजीटी ने कहा कि अगर आर्ट ऑफ लिविंग पांच करोड़ रुपए का जुर्माना नहीं देती है तो समारोह को दी गई मंजूरी वापस ले ली जाएगी।

उनका बयान नेशनल ग्रीन ट्रिब्‍यूनल(एनजीटी) के आर्ट ऑफ लिविंग पर 5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के आदेश पर आया है। एनजीटी ने यमुना नदी के किनारे विश्‍व सांस्‍कृतिक समारोह के आयोजन के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया था। एनजीटी ने समारोह स्थल की जांच करने के लिए प्रोफेसर सीआर बाबू के नेतृत्व में एक टीम बनाई थी।

इस टीम ने समारोह स्थल का दौरा करके यह आकलन किया था कि समारोह स्थल पर निर्माण कार्य करने से पर्यावरण को कितना नुकसान हुआ है। टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि यमुना नदी को नुकसान पहुंचा है। और साथ ही रिपोर्ट में कहा गया था कि आर्ट ऑफ लिविंग को इस नुकसान की भरपाई के लिए 100 से 120 करोड़ रुपए देने चाहिए।

See Pics: देखिए किस तरह बना है रविशंकर के कार्यक्रम का स्‍टेज

आयोजनकर्ताओं का कहना है कि करीब 33 हजार आर्टिस्‍ट यहां परफॉर्म करेंगे। Grand Musical Symphony में 8 हजार म्‍यूजिशियंस 40 किस्‍म के इंस्‍ट्रूमेंट बजाएंगे।