भारतीय जनता पार्टी केरल विधानसभा चुनाव में टीम इंडिया के पूर्व गेंदबाज एस श्रीसंथ को मैदान में उतार सकती है। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी ने श्रीसंथ के साथ इस बारे में बात की है, लेकिन उन्होंने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है। बताया जा रहा है कि श्रीसंथ बुधवार को अपने फैसले के बारे में जानकारी देंगे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अगर श्रीसंथ बीजेपी का प्रस्ताव स्वीकार करते हैं तो उन्हें एक्साइज मिनिस्टर के. बाबू के खिलाफ चुनाव लड़ाया जा सकता है। बाबू केरल के सीएम ओमन चांडी के बेहद करीबी माने जाते हैं।
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श्रीसंत के एर्नाकुलम जिले से चुनाव लड़ने की सबसे ज्यादा चर्चा है। समाचार एजेंसी ने श्रीसंथ के हवाले से ट्वीट किया है, ‘आप एक दिन का इंतजार करें, उसके बाद पता चल जाएगा कि मैं कहां से चुनाव लड़ूंगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी के बारे में वह बुधवार को बात करेंगे। श्रीसंथ ने आगे कहा, ‘क्यों डरें जिंदगी में क्या होगा? कुछ न होगा तो तजुर्बा तो होगा।’ सूत्रों के मुताबिक, श्रीसंथ ने बीजेपी की टॉप लीडरशिप को यह कहा है कि वह अपने परिवार से बातचीत करके ही इस बारे में फैसला लेंगे। दूसरी ओर श्रीसंथ के परिवार के एक सदस्य ने भी बीजेपी से ऑफर आने की बात की पुष्टि की है। उनका कहना है कि पार्टी के एक शीर्ष नेता का उन्हें फोन आया था।
Wait for a day,you will know from where I contest-Sreesanth on reports of him contesting elections from Eranakulam pic.twitter.com/2D3lfF5W1A
— ANI (@ANI_news) March 22, 2016
स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों से घिर चुके हैं श्रीसंथ
दिल्ली की एक अदालत ने 2013 के आइपीएल-6 स्पॉट फिक्सिंग मामले में जुलाई 2015 को श्रीसंथ को बरी कर दिया था। अदालत ने कहा था कि पुलिस उनके खिलाफ मामला स्थापित करने में विफल रही है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नीना बंसल कृष्णा ने सभी 36 लोगों को बरी करने वाला फैसला सुनाते हुए कहा, ‘सबको (मामले से) बरी किया जाता है।’ इन लोगों पर धोखाधड़ी, साजिश और कठोर प्रावधानों वाले महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) के तहत आरोप लगाए गए थे। दो साल पहले इस कथित घोटाले में पुलिस कार्रवाई के फौरन बाद भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआइ) ने तीनों खिलाड़ियों पर आजीवन पाबंदी लगा दी थी। उन्हें आरोपियों में भगोड़े डान दाऊद इब्राहीम व छोटा शकील के समकक्ष रखा गया था। इन सभी को दाऊद व शकील के संगठित अपराध के सिंडीकेट में संलिप्तता का आरोपी बनाया गया था।
अदालत का मानना था कि ऐसे सबूत नहीं हैं, जिनसे मामले में आरोप तय किए जा सकें। पुलिस ने मामले में विभिन्न आरोपियों के खिलाफ 6000 पृष्ठों का आरोपपत्र दाखिल किया था। क्रिकेटरों ने फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा था कि उनका न्यायपालिका पर हमेशा से विश्वास रहा है।
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