Maratha Reservation: मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए आज राज्य विधानमंडल का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया। महाराष्ट्र विधानसभा से मराठा आरक्षण बिल को पारित कर दिया गया है। इस बिल में मराठा समाज को शिक्षा और नौकरी में 10 प्रतिशत रिजर्वेशन देने का प्रावधान दिया गया है। विधेयक पर चर्चा के दौरान सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि चाहे ओबीसी भाई हों, या कोई अन्य समुदाय। हमने किसी के आरक्षण से छेड़छाड़ किए बिना मराठा समुदाय के लिए शैक्षिक और नौकरी आरक्षण देने का फैसला किया है। किसी भी दल ने इस बिल का विरोध नहीं किया।
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने इसके लिए मसौदा तैयार कर लिया है। इसके आधार पर यह सिफारिश की जाएगी कि मराठा समुदाय को सामाजिक और शैक्षणिक आरक्षण दिया जाना चाहिए।
राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले कैबिनेट बैठक में पेश की जाएगी और कैबिनेट मराठा समुदाय को कितने प्रतिशत आरक्षण दिया जाए इसकी सिफारिश करेगी। इससे पहले गायकवाड़ आयोग ने शिक्षा में 12 फीसदी और सरकारी सेवाओं में 13 फीसदी आरक्षण की सिफारिश की थी। नए साल का यह पहला सत्र होने के कारण सत्र की शुरुआत राज्यपाल रमेश बैस के अभिभाषण से होगी। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट सदन में पेश की जाएगी। इससे पहले गायकवाड़ आयोग की रिपोर्ट को उसकी सिफारिशों के साथ दोनों सदनों ने पूरी तरह से स्वीकार कर लिया था।
इस मसौदे में उन कमियों को दूर कर लिया गया है जिसके आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को खारिज कर दिया था। ओबीसी या दूसरे समुदायों के आरक्षण को नुकसान पहुंचाए बिना मराठा समुदाय को आरक्षण दिया जाएगा। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि हमारी सरकार के द्वारा दिया गया आरक्षण मनोज जारांगे को मंजूर हो या नहीं लेकिन मराठों को जरूर मंजूर होगा।
मनोज जरांगे ने मराठा विधायकों से समर्थन करने की अपील की
मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे मनोज जरांगे पाटिल ने मराठा विधायकों से अपील करते हुए कहा कि आरक्षण का एकमत से ही समर्थन करें। अगर मराठा विधायकों ने ही आरक्षण के लिए आवाज नहीं उठाई तो उनको मराठा विरोधी माना जाएगा। उन्होंने कहा कि आरक्षण में सगे संबंधियों का भी जिक्र होना चाहिए। अगर सरकार ने इस पर सहमति नहीं दी तो दोबारा से नया आंदोलन खड़ा किया जाएगा।