ये अत्याधुनिक अवरोधक जल्द ही देश भर में पुलों पर नजर आएंगे। इसके लिए केंद्र सरकार के सड़क और परिवहन मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिव को लिखित आदेश जारी किए हैं। आदेश में कहा गया है कि जहां पुराने अवरोधक लगे हों तो उन्हें हटाकर नए अवरोधक लगाए जाएं। केंद्र सरकार के इस फैसले से पहाड़ी राज्यों और मुख्य पुलों की व्यवस्था को सुधारा जा सकेगा।
अभी वर्तमान में मुख्य मार्ग या पुलों पर मुख्य तौर पर सीमेंट या लोहे से बने अवरोधक प्रयोग किए जाते हैं। ये अवरोधक इतने अधिक मजबूत होते हैं कि दुर्घटना होने की स्थिति में वाहन और अवरोधक के बीच में घर्षण अधिक बढ़ जाता है। यह घर्षण चिंगारी पैदा करता है और वाहन में आग लगने की भी वजह बनता है। वहीं, आने वाले दिनों में जो नए अवरोधक लगाने हैं, वे एक विशेष फाइबर से तैयार किए गए हैं।
ये लचीले होंगे और विशेष फाइबर होने की वजह से घर्षण और आगजनी की स्थिति नहीं होगी। ये अवरोधक सीधी टक्कर की जगह एक दबाव पैदा करेंगे, जिससे वाहन को रोकने में मदद मिलेगी। इस बाबत मंत्रालय में सड़क विकास संबंधित अधिकारी जितेंद्र कुमार ने आदेश जारी किए हैं।ये आदेश देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों, प्रधान सचिवों, मुख्य अभियंताओं समेत सीमा सड़क संबंधित विभागों को भेजे गए हैं।
क्या कहती है रिपोर्ट
हाल ही में जारी हुई सड़क और परिवहन मंत्रालय की भारत में सड़क हादसे 2021 रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2021 में देश में कुल 412432 सड़क दुर्घटनाएं हुई थी। इन दुर्घटनाओं में कुल 153972 वाहन चालकों की जान चली गई और 384448 लोग घायल हुए हैं। कुल हादसों में 128825 हादसे राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए थे और 96382 हादसे राज्यों के राजमार्ग पर हुए थे। राजमार्ग पर हुए हादसों में 50953 की मौत हुई थी।
कम होगा नुकसान
अवरोधकों की मदद से हादसों में होने वाले नुकसान को कम करने में मदद मिलेगी। यह नुकसान न सिर्फ वाहनों को होने वाले नुकसान के स्तर बल्कि जानमाल के नुकसान को भी कम करेगा। नए अवरोधकों से वर्तमान में लगे अवरोधकों की तुलना में आगजनी के मामलों को भी कम किया जा सकेगा क्योंकि वर्तमान अवरोधकों और वाहन के बीच होने वाले घर्षण की वजह से आगजनी की घटनाएं होती हैं।
